Earthquake Tremors: एक साथ हिली 3 देशों की धरती, मध्यप्रदेश-बिहार में भी महूसस किए गए भूंकप के झटके, यहां जानें तीव्रता और केंद्र
एक साथ हिली 3 देशों की धरती, मध्यप्रदेश-बिहार में भी महूसस किए गए भूंकप के झटके, Earthquake Latest News: Earthquake tremors felt in Madhya Pradesh
Earthquake Latest News. Image Source- File
नई दिल्लीः Earthquake Latest News भारत समेत नेपाल और तिब्बत में मंगलवार को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए। सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर लोगों ने झटके महसूस किए। भूकंप का केंद्र नेपाल बताया जा रहा है। इसकी तीव्रता 7.1 मापी गई और गहराई 10 किमी थी। हालांकि भूकंपों से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन भूकंप के झटकों से लोगों के दिल जरूर दहल जाते हैं। ।
Earthquake Latest News मिली जानकारी के अनुसार नेपाल के काठमांडू, धाडिंग, सिंधुपालचौक, कावरे, मकवानपुर और कई अन्य जिलों में झटके महसूस किए गए। माल्दा सहित उत्तर बंगाल के कुछ हिस्सों और सिक्किम में भी धरती हिलती रही। बिहार के मोतिहारी और समस्तीपुर समेत कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके अलावा मध्यप्रदेश के कई जिले भी भूकंप के झटके आए।
क्यों आता है भूकंप?
Earthquake Latest News जानकारी के मुताबिक धरती के अंदर सात टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। ये प्लेट्स लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेट आपस में टकराती हैं, रगड़ती हैं। एकदूसरे के ऊपर चढ़ती या उनसे दूर जाती हैं, तब जमीन हिलने लगती है। इसे ही भूकंप कहते हैं। भूकंप को नापने के लिए रिक्टर पैमाने का इस्तेमाल करते हैं। जिसे रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल कहते हैं। रिक्टर मैग्नीट्यूड स्केल 1 से 9 तक होती है। भूकंप की तीव्रता को उसके केंद्र यानी एपीसेंटर से नापा जाता है। यानी उस केंद्र से निकलने वाली ऊर्जा को इसी स्केल पर मापा जाता है। 1 यानी कम तीव्रता की ऊर्जा निकल रही है। 9 यानी सबसे ज्यादा। बेहद भयावह और तबाही वाली लहर। ये दूर जाते-जाते कमजोर होती जाती हैं। अगर रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 7 दिखती है तो उसके आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में तेज झटका होता है।
तीव्रता के हिसाब से क्या हो सकता है असर?
0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर सिर्फ सीज्मोग्राफ से ही पता चलता है।
2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का कंपन होता है।
3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर कोई भारी वाहन आपके नजदीक से गुजर जाए, ऐसा असर होता है।
4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल सकता है।
6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है। ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है।
7 से 7.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतें गिर जाती हैं। जमीन के अंदर पाइप फट जाते हैं।
8 से 8.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों सहित बड़े पुल भी गिर जाते हैं।
9 और उससे ज्यादा रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर पूरी तबाही। कोई मैदान में खड़ा हो तो उसे धरती लहराते हुए दिखेगी। समंदर नजदीक हो तो सुनामी। भूकंप में रिक्टर पैमाने का हर स्केल पिछले स्केल के मुकाबले 10 गुना ज्यादा ताकतवर होता है।
प्वाइंट्स में समझे पूरी खबर
भूकंप का केंद्र किस स्थान पर था और कितनी तीव्रता थी?
इस भूकंप का केंद्र नेपाल में था और इसकी तीव्रता 7.1 रिक्टर स्केल थी।
भूकंप के दौरान हमें क्या करना चाहिए?
भूकंप के दौरान सबसे पहले सुरक्षित स्थान पर जाएं, मजबूत फर्नीचर या दरवाजे के नीचे छिपने की कोशिश करें। खुले स्थान में रहें और ऊंची इमारतों से दूर रहें।
क्या भूकंप का पूर्वानुमान किया जा सकता है?
वर्तमान में भूकंप का सटीक पूर्वानुमान करना संभव नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप संभावित क्षेत्रों पर अध्ययन किया जाता है।
रिक्टर स्केल 7.1 पर भूकंप का प्रभाव क्या हो सकता है?
7.1 की तीव्रता पर भूकंप से आसपास के 40 किलोमीटर के दायरे में इमारतें गिर सकती हैं और भारी नुकसान हो सकता है।
भूकंप क्यों आते हैं और इसका कारण क्या है?
भूकंप पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेट्स के आपस में टकराने, रगड़ने या एक-दूसरे से दूर जाने के कारण आते हैं, जिससे ऊर्जा रिलीज होती है और जमीन हिलती है।

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