गहलोत ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सरकार पर निशाना साधा

गहलोत ने एसआईआर प्रक्रिया को लेकर सरकार पर निशाना साधा

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  • Publish Date - November 26, 2025 / 10:30 PM IST,
    Updated On - November 26, 2025 / 10:30 PM IST

जयपुर, 26 नवंबर (भाषा) पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए प्रक्रिया में प्रबंधन की खामियों और स्थानीय कर्मचारियों, विशेषकर बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) पर अत्यधिक दबाव का आरोप लगाया।

उन्होंने कहा कि कई राज्यों में बीएलओ की मौतें इस काम के तनाव को दर्शाती हैं और इस पर सरकार को जवाब देना चाहिए।

सीकर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गहलोत ने इस पूरी प्रक्रिया में दिखाई जा रही जल्दबाजी पर भी सवाल उठाया।

उन्होंने कहा, ‘‘एसआईआर प्रक्रिया में अनावश्यक जल्दबाजी, बीएलओ पर असहनीय दबाव, महीनों से लंबित बुजुर्गों और दिव्यांगों की पेंशन, टूटी सड़कें और ठप पड़ी योजनाएं यह साबित करती हैं कि राजस्थान में सरकार का इकबाल खत्म हो गया है।’’

गहलोत ने पूछा कि जब विधानसभा चुनाव में अभी तीन साल बाकी हैं तो एसआईआर को इतनी जल्दबाजी में लागू करने की क्या आवश्यकता थी।

उन्होंने कहा, ‘‘बारह राज्यों में यह प्रक्रिया जारी है, लेकिन यहां जिस तरह जल्दबाजी की जा रही है, उससे संदेह पैदा होता है और यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए चिंताजनक है।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि बीएलओ पर ‘‘डेडलाइन’’ में हर हाल में काम पूरा करने का भारी दबाव है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी सवाल उठाया कि उनके कार्यकाल में शुरू की गई कई जनकल्याणकारी योजनाओं को क्यों बंद या लंबित किया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ये योजनाएं किसी व्यक्ति की नहीं, बल्कि सरकार की होती हैं। सरकारें बदलती रहती हैं, लेकिन जनकल्याण की योजनाएं बंद नहीं की जानी चाहिए।’’

गहलोत ने दावा किया कि प्रदेश में पेंशनधारकों को तीन से सात महीने की देरी से पेंशन मिल रही है।

उन्होंने राज्यभर में सड़कों की दुर्दशा को लेकर भी सरकार की आलोचना की और कहा कि बारिश में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के बजाय वे जर्जर स्थिति में छोड़ दी गई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘सड़क जब नई बनेगी तब बनती रहेगी पर तब तक सरकार को अभियान चलाकर सड़कों के गड्ढों को भरना चाहिए।’’

भाषा पृथ्वी खारी

खारी