नयी दिल्ली, 17 मार्च (भाषा) भारतीय नौसेना ने एक अभियान में सोमालिया के 35 समुद्री डाकुओं को पकड़ने और उनके द्वारा बंधक बनाए गए 17 बंधकों को मुक्त कराने के एक दिन बाद रविवार को कहा कि यह कार्रवाई हिंद महासागर में शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने को विफल करने के उसके संकल्प को दर्शाती है।
नौसेना ने शनिवार को एक सुव्यवस्थित अभियान के तहत भारतीय तट से लगभग 2,600 किलोमीटर दूर पूर्व में माल्टा के ध्वजांकित व्यापारिक जहाज (एमवी) रुएन को अपने कब्जे में ले लिया। इस अभियान के बारे में विशेषज्ञों ने कहा कि पिछले लगभग सात वर्ष में सोमालिया के समुद्री डाकुओं से किसी जहाज को इस तरह से छुड़ाने का यह पहला सफल अभियान है।
नौसेना ने करीब 40 घंटे के अभियान के दौरान आईएनएस कोलकाता और आईएनएस सुभद्रा और सी गार्जियन ड्रोन को तैनात किया। अभियान के लिए सी-17 विमान से विशिष्ट मार्कोस कमांडो को उतारा गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘एक्स’ पर कहा, ”मैं भारतीय नौसेना और मार्कोस सहित जहाजों और विमानों पर सवार बहादुर चालक दल को उनके दृढ़ और निर्णायक कार्यों के लिए बधाई देता हूं।”
बुल्गारिया की विदेश मंत्री मारिया गेब्रियल ने अपहृत जहाज और उनके देश के सात नागरिकों सहित चालक दल के सदस्यों को बचाने के सफल अभियान के लिए भारतीय नौसेना का आभार व्यक्त किया।
गेब्रियल की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ‘एक्स’ पर कहा, ”दोस्त इसी के लिए होते हैं।”
नौसेना ने बताया कि एमवी रुएन का सोमालिया के जलदस्युओं ने 14 दिसंबर को अपहरण कर लिया था।
एक बयान में, नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन की समुद्री यात्रा की क्षमता का आकलन किया जा रहा है और पोत पर लगभग 37,800 टन माल लदा है जिसकी कीमत करीब 10 लाख अमेरिकी डॉलर है। इसे सुरक्षित भारत लाया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि दक्षिणी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत जहाज रुएन से जुड़ा समुद्री डकैती विरोधी अभियान शांति और स्थिरता को मजबूत करने और क्षेत्र में समुद्री डकैती के फिर से सिर उठाने की कोशिश को विफल करने की दिशा में भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को उजागर करता है।
यमन के हूती विद्रोहियों द्वारा लाल सागर में मालवाहक जहाजों पर बढ़ते हमलों के बाद रणनीतिक जलमार्गों पर निगरानी रखने के लिए नौसेना ने 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं।
नौसेना ने बताया कि आईएनएस कोलकाता ने बुधवार सुबह रुएन को रोका और ड्रोन के जरिए सशस्त्र समुद्री डाकुओं की मौजूदगी की उस पर पुष्टि हुई।
उसने बताया कि डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की। आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को अक्षम कर दिया, जिससे उसे नौकायन बंद करना पड़ा।
इसके बाद सी-17 विमान से मार्कोस कमांडो उतारे गए जिन्होंने जहाज को जब्त कर लिया, समुद्री डाकुओं को पकड़ लिया और रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को रिहा करा लिया।
बयान में कहा गया है कि पिछले 40 घंटों में भारतीय नौसेना के लगातार दबाव और सुनियोजित कार्रवाई के कारण सोमालिया के सभी 35 समुद्री डाकुओं ने आत्मसमर्पण कर दिया।
भाषा
जितेंद्र सिम्मी
सिम्मी