नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राज्यसभा के लिए 4 सदस्यों को मनोनीत किया है। इसमें किसान नेता राम सकल, लेखक व स्तंभकार राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और शास्त्रीय नर्तकी सोनल मानसिंह शामिल है। ये चारों अलग-अलग क्षेत्र से आते हैं।
इनमें से रामसकल यूपी से हैं और पहले 3 बार सांसद रह चुके हैं। वे संसद में श्रम और कल्याण, ऊर्जा, कृषि, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस की समितियों के पूर्व सदस्य रह चुके हैं। इन्होंने दलित समुदाय के उत्थान के लिए काफी काम किया है।
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वहीं सोनल मान सिंह मशहूर भरतनाट्यम नृत्यांगना हैं। वे मणिपुरी और कुचिपुड़ी डांस फॉर्म्स में भी प्रशिक्षित हैं। उन्हें कोरियाग्राफर, टीचर, वक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी जाना जाता है। फिलहाल वह इंदिरा गांधी नैशनल सेंटर ऑर आर्ट की ट्रस्टी और सेंटर अडवाइजरी बोर्ड ऑन कल्चर की सदस्य हैं। इससे पहले वे संगीत नाटक अकादमी की चेयरपर्सन भी रह चुकी हैं। उन्होंने 1977 में दिल्ली में सेंटर फॉर इंडियन क्लासिकल डांसेज की संस्थापना की थी। उन्हें पद्मभूषण (1992) और पद्मविभूषण (2003) से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा मोदी सरकार ने उन्हें स्वच्छ भारत अभियान के लिए चुने गए नवरत्नों में शामिल किया है।
जबकि 75 वर्षीय रघुनाथ महापात्रा मूर्तिकार हैं। पत्थरों को आकार देना उनकी खूबी है, जिसके चलते उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिल्प गुरु कहा जाता है। रघुनाथ महापात्रा ने जगन्नाथ मंदिर से संबंधित महत्वपूर्ण काम किया है। इनके प्रसिद्ध कार्यों में ओसाका (जापान) का अशोकन पिलर, पैरिस में बुद्ध मंदिर भी है। वर्तमान में वे उड़ीसा ललित कला अकादमी के अध्यक्ष हैं। उन्हें पद्मविभूषण (2013), पद्म भूषण (2001), पद्मश्री (1975)। 2006 में शिल्पी गुरु टाइटल से नवाजा जा चुका है। 22 साल की उम्र में 1964 में उन्हें मूर्ति कला के क्षेत्र में राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था।
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इसी तरह राकेश सिन्हा आरएसएस विचारक, लेखक और स्तंभकार हैं। उनके कई लेख इंडियन एक्सप्रेस, इकनॉमिक टाइम्स, एशियन एज, डीएनए जैसे अखबारों में पढ़े जाते हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी के मोतीलाल नेहरू कॉलेज में प्रोफेसर हैं। वे दिल्ली स्थित थिंक टैंक इंडिया पॉलिसी फाउंडेशन (IPF) के संस्थापक और मानद निदेशक हैं। इस समय इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च के बोर्ड मेंबर हैं। वे पहले हिंदी सलाहकार समिति और फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल के सदस्य भी रहे हैं। स्वराज इन आइडिया (2016) समेत कई किताबें लिखीं है, जिसमें हेडगेवार की जीवनी भी शामिल है। उन्हें केंद्रीय हिंदी संस्थान की ओर से दीनदयाल उपाध्याय अवॉर्ड भी मिल चुका है।
इस बार के मनोनयन में सबसे अलग बात ये है कि इस बार फिल्म या खेल जगत से किसी भी हस्ती को राज्यसभा नहीं भेजा गया है। जिन चारों हस्तियां को मनोनीत किया गया है वे चार अलग-अलग राज्यों से हैं और ये अपने-अपने क्षेत्र में काफी मशहूर हैं।
वेब डेस्क, IBC24