छत्रपति संभाजीनगर, 21 मई (भाषा) बारिश के मौसम से पहले मध्य महाराष्ट्र के मराठवाड़ा संभाग में पुलिस ने नदियों के किनारे स्थित गांवों में आपातकालीन घोषणाएं करने के लिए ड्रोन मांगे हैं। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
गोदावरी, पूर्णा, दूधना, पैनगंगा, मंजारा और टेरना जैसी बड़ी नदियां मराठवाड़ा क्षेत्र से होकर बहती हैं। मराठवाड़ा क्षेत्र में आठ जिले – छत्रपति संभाजीनगर, जालना, परभणी, हिंगोली, नांदेड़, बीड, लातूर और धाराशिव आते हैं।
अधिकारी ने बताया कि 2005 से इस क्षेत्र के कई गांवों में बाढ़ आती रही है। उन्होंने बताया कि आपदाओं के दौरान लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में पुलिस विभाग भी जिला आपदा प्रबंधन समिति का सदस्य है।
अधिकारी ने कहा, ‘‘ किसी आपातकालीन स्थिति या बाढ़ जैसी स्थिति के दौरान, पुलिस को आसन्न खतरे के बारे में सार्वजनिक घोषणा करने के लिए गांवों में जाना पड़ता है। कुछ गांवों में, कभी-कभी “दवंडी” (ढोल बजाकर विशेष घोषणा) भी की जाती है।’’
उन्होंने ड्रोन मांगने के पीछे के तर्क को स्पष्ट करते हुए कहा कि पुलिस महकमा प्रौद्योगिकी को अपनाने तथा ऐसी घोषणाओं को अधिक कुशल बनाने का इच्छुक है।
संभागीय आयुक्त दिलीप गावड़े ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मानसून के दौरान कभी-कभी गांवों तक पहुंचना और लोगों को बाढ़ या अन्य आपदाओं के बारे में सचेत करना कठिन होता है औ उसमें काफी वक्त भी लग जाता है। इसलिए पुलिस ने सार्वजनिक घोषणा करने में मदद के लिए ड्रोन मांगे हैं।’’
नांदेड़ के पुलिस अधीक्षक अविनाश कुमार ने कहा कि पुलिस जिला योजना समिति के माध्यम से ड्रोन खरीदने की योजना बना रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर मंजूरी मिल जाती है, तो ऐसे ड्रोन नदियों के किनारे के इलाकों में तैनात किए जाएंगे।’’
भाषा राजकुमार पवनेश
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