Dehradun News: पूर्व मुख्यमंत्री ने की ‘ब्राह्मणों को आगे लाने की’ वकालत, कांग्रेस ने सुझाव बताया, भाजपा ने ‘ब्राह्मण प्रेम’ को ढोंग ​कहा

Dehradun News: कांग्रेस नेताओं ने इसे सुझाव बताया, जबकि सत्ताधारी भाजपा ने तीखा हमला करते हुए रावत के ‘ब्राह्मण प्रेम’ को ‘ढोंग’ करार दिया और उन पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया।

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  • Publish Date - October 26, 2025 / 09:53 PM IST,
    Updated On - October 26, 2025 / 11:00 PM IST

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HIGHLIGHTS
  • शैक्षिक बौद्धिक पृष्ठभूमि के कारण ब्राह्मण आगे रहे : रावत
  • जाति आधारित राजनीति करने और समाज को तोड़ने का प्रयास : महेंद्र भट्ट 
  • रावत ने कोई नयी बात नहीं कही : करन माहरा 

देहरादून: Dehradun News, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा पार्टी संगठन में ‘‘ब्राह्मणों को आगे लाने की’’ वकालत किए जाने के बाद उत्तराखंड में सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेताओं ने इसे सुझाव बताया, जबकि सत्ताधारी भाजपा ने तीखा हमला करते हुए रावत के ‘ब्राह्मण प्रेम’ को ‘ढोंग’ करार दिया और उन पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाया।

रावत ने हाल में प्रदेश कांग्रेस संगठन में जारी ‘संगठन सृजन’ की कवायद के मद्देनजर जिला कांग्रेस कमेटियों में अधिक संख्या में ब्राह्मण चेहरों को जिम्मेदारी देने की पैरवी की थी। सोशल मीडिया पर भी रावत ने लिखा कि उन्होंने छोटी उम्र से ही कांग्रेस का इतिहास पढ़ा है और समझा है।

शैक्षिक बौद्धिक पृष्ठभूमि के कारण ब्राह्मण आगे रहे : रावत

उन्होंने कहा, ‘‘..देश की आजादी और देश निर्माण की लड़ाई में भी गांधी (महात्मा गांधी) व कांग्रेस ने सभी जाति, धर्म, क्षेत्र, भाषी लोगों को जोड़ा। मगर यह ऐतिहासिक तथ्य है कि अपनी शैक्षिक बौद्धिक पृष्ठभूमि के कारण इन दोनों महाअभियानों में ब्राह्मण वर्ग से आने वाले लोग आगे रहे हैं और कांग्रेस के साथ उनका गहरा जुड़ाव रहा है।’’

उन्होंने पंडित गोविंद बल्लभ पंत, हेमवती नंदन बहुगुणा और नारायण दत्त तिवारी जैसे तमाम नेताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि बदली परिस्थितियों में कांग्रेस अपनी जड़ों को मजबूत कर रही है, ऐसे में उन जड़ों को सींचने वाले लोगों के नाम तो हमारी जुबां पर आएंगे ही।

रावत ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की पहली निर्वाचित सरकार ने अपना पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया था और उस समय वह कांग्रेस की प्रदेश कमेटी के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति होती है कि उसी कालखंड में उत्तराखंड में पूर्ण राजनीतिक स्थिरता रही है।’’

जाति आधारित राजनीति करने और समाज को तोड़ने का प्रयास : महेंद्र भट्ट

Dehradun News, उधर, रावत के ‘ब्राह्मण प्रेम’ को ‘‘ढोंग’’ बताते हु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने उन पर जाति आधारित राजनीति करने और समाज को तोड़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया । यहां जारी एक बयान में भट्ट ने कहा, ‘‘नारायण दत्त तिवारी और विजय बहुगुणा के दौर में उनका यह प्रेम जनता ने देखा है कि किस तरह से उन्होंने उनकी सरकारों को लगातार अस्थिर करने का काम किया।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘लगातार शिकस्त की बाजी पलटने के लिए वह (रावत) देवभूमि के माहौल को दांव पर लगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि पहले तुष्टीकरण, फिर पहाड़-मैदान और अब जातिवादी राजनीति का बीज रोपने की उनकी कोशिश बेहद खतरनाक है। रावत के बयानों को ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण और गैरजिम्मेदाराना’’ बताते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, ‘‘पूर्व मुख्यमंत्री हरदा जातिवादी आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कांग्रेस ही झुलस सकती है।’’

भट्ट ने कहा, ‘‘ब्राह्मण समाज से झूठी सहानुभूति बटोरेने की उनकी यह कोशिश किसी भी कीमत पर सफल नहीं होगी और कांग्रेस के अस्तित्व पर ही अंतिम कील साबित होगी।’’

रावत ने कोई नयी बात नहीं कही : करन माहरा

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि रावत ने कोई नयी बात नहीं कही। पार्टी में हमेशा से ब्राह्मण नेतृत्व रहा है और वर्तमान में भी सूर्यकांत धस्माना और विजय सारस्वत जैसे नेता संगठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

माहरा ने स्पष्ट किया, “संगठन सृजन को लेकर जिला और महानगर अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। रावत जी का आशय सिर्फ इतना है कि ब्राह्मणों को भी उचित प्रतिनिधित्व मिले। यह उनका अधिकार है और इसे अनावश्यक विवाद न बनाया जाए।”

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