बाहरी लोगों को मतदाता सूची में जोड़ने के लिए ‘गुप्त दृष्टिकोण’ अपनाया गया : विशेषज्ञ

बाहरी लोगों को मतदाता सूची में जोड़ने के लिए ‘गुप्त दृष्टिकोण’ अपनाया गया : विशेषज्ञ

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  • Publish Date - November 26, 2022 / 08:28 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

जम्मू, 26 नवंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर की अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशित होने के एक दिन बाद कुछ विशेषज्ञों और राजनीतिक दलों ने शनिवार को सूची में 11 लाख से अधिक मतदाताओं के जोड़े जाने पर सवाल उठाया और कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकारियों ने बाहरी लोगों को सूची में जोड़ने के लिए ‘‘गुप्त दृष्टिकोण’’ अपनाया।

राजनीतिक विशेषज्ञ ए.एन. साधु ने कहा कि 11 लाख नए मतदाताओं में से तीन लाख ऐसे हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे। उन्होंने दावा किया कि विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आठ लाख नए मतदाता सत्तारूढ़ दल के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता एम.वाई. तारिगामी ने कहा कि गैर-भाजपा दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए एक समिति का गठन किया है।

जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर अंतिम मतदाता सूची शुक्रवार को प्रकाशित की गई, जिसमें 11.28 लाख नए मतदाताओं के नाम जोड़े गए हैं।

जम्मू कश्मीर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनिल सलगोत्रा ने कहा था कि अंतिम मतदाता सूची में 83,59,771 मतदाता हैं, जिनमें 42,91,687 पुरुष, 40,67,900 महिलाएं और ‘थर्ड जेंडर’ के 184 नागरिक शामिल हैं।

मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। साल 2019 में संविधान का अनुच्छेद निरस्त करके जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया गया था, जिसके बाद से यह पहले विधानसभा चुनाव होंगे।

राजनीतिक विशेषज्ञ साधु ने कहा कि नए मतदाताओं की संख्या में अचानक हुई यह वृद्धि ‘‘चिंता का विषय’’ है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में जोड़े गए 11 लाख से अधिक नए मतदाताओं में से तीन लाख पहली बार के मतदाता हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में आठ लाख नए मतदाता कुल वोट बैंक संतुलन को बदल सकते हैं जो सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में जा सकता है और क्षेत्रीय दलों की संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।’’

जम्मू कश्मीर के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि विशेष पुनरीक्षण अभियान के दौरान मतदाता सूची में नाम शामिल करने के लिए 11 लाख से अधिक आवेदन एक प्राप्त हुए। इस अवधि के दौरान, केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूची में नामों को शामिल करने के लिए फॉर्म छह के माध्यम से रिकॉर्ड 11,40,768 दावे प्राप्त हुए। इनमें से 11,28,672 दावों को स्वीकार किया गया और केवल 12,096 दावों को खारिज कर दिया गया। इसमें 18-19 आयु वर्ग में शामिल किए जाने के 3,01,961 दावे शामिल थे।

वरिष्ठ माकपा नेता तारिगामी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की मतदाता सूची में ‘‘बाहरी’’ लोगों के शामिल होने के बारे में अधिकारियों की टिप्पणी से उठी आशंकाएं सच होती दिख रही हैं।

तारिगामी जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्य निर्वाचन अधिकारी हृदयेश कुमार द्वारा अगस्त में दिए गए उस बयान का जिक्र कर रहे थे, जिसमें कहा गया था कि मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान के बाद केंद्र शासित प्रदेश में बाहरी लोगों सहित लगभग 25 लाख अतिरिक्त मतदाता जुड़ने की संभावना है।

तारिगामी ने कहा, ‘‘सभी गैर-भाजपा दलों ने सभी मुद्दों पर गौर करने के लिए एक समिति का गठन किया है। हमें उम्मीद है कि हम जल्द ही इन मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे और अपनी प्रतिक्रिया देंगे।’’

भाषा शफीक रंजन

रंजन