Amritsar Poisonous Liquor/ Image Credit: IBC24 File
अमृतसर। Amritsar Poisonous Liquor: पंजाब में अमृतसर जिले के मजीठा इलाके में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से अब तक 23 की मौत हो गई और छह लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि, नकली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल ‘मेथेनॉल’ थोक में ऑनलाइन खरीदा गया था। ‘मेथनॉल’ एक हल्का, रंगहीन कार्बनिक रासायनिक यौगिक है, जिसे अकसर अवैध रूप से मादक पेय पदार्थों में ‘इथेनॉल’ के सस्ते विकल्प के रूप में मिलाया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि, मृतकों में अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर हैं।
उन्होंने कहा कि, सोमवार रात जहरीली शराब पीने से भंगली, पातालपुरी, मरारी कलां और थेरेवाल के गांवों में लोगों की मौत की सूचना है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मजीठा क्षेत्र के गांवों में निर्दोष ग्रामीणों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये मौत नहीं, बल्कि हत्याएं हैं।’’ पंजाब में विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा और उस पर शराब माफिया को नियंत्रित करने में ‘‘विफल’’ रहने का आरोप लगाया। उन्होंने मान और आबकारी मंत्री हरपाल सिंह चीमा के इस्तीफे की भी मांग की। इस बीच, अमृतसर जिला प्रशासन ने कई मेडिकल टीम तैनात की हैं जो प्रभावित गांवों में घर-घर जाकर उन लोगों की जांच कर रही हैं जिन्होंने संभवतः नकली शराब पी थी।
अमृतसर की उपायुक्त साक्षी साहनी ने कहा कि मृतकों में अधिकतर लोग दिहाड़ी मजदूर थे। राज्य में एक साल से भी कम समय में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत का यह दूसरा मामला है। मार्च 2024 में संगरूर जिले में जहरीली शराब के सेवन से 20 लोगों की जान चली गई थी। 2020 में तरनतारन, अमृतसर और बटाला में जहरीली शराब पीने के कारण कुल 120 लोगों की मौत हुई थी। पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने कहा कि मजीठा में पुलिस उपाधीक्षक और थाना प्रभारी को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यादव ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ‘‘मजीठा में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जहरीली शराब पीने के कारण हुई मौतों के बाद पंजाब पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। नकली शराब बनाने वाले रैकेट के सरगना सहित नौ लोगों और कई स्थानीय वितरकों को अवैध शराब के कारोबार के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेथेनॉल को ऑनलाइन खरीदा गया था और इसका इस्तेमाल नकली शराब बनाने में किया गया। पूरी कार्यप्रणाली का पता लगाने और इसमें शामिल सभी लोगों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए जांच जारी है।’’ उन्होंने पोस्ट में लिखा, ‘‘भारतीय न्याय संहिता और आबकारी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मजीठा उप-मंडल के पुलिस उपाधीक्षक और मजीठा के थाना प्रभारी को घोर लापरवाही के चलते निलंबित कर दिया गया है। दोषियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।’’पुलिस ने बताया कि इस घटना के बाद सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह और कुलबीर सिंह, साहिब सिंह, गुरजंत सिंह तथा निंदर कौर शामिल हैं।
पुलिस उपमहानिरीक्षक (बॉर्डर रेंज) सतिंदर सिंह और जालंधर ग्रामीण वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मनिंदर सिंह के साथ उपायुक्त (डीसी) साक्षी साहनी ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात भी की। साहनी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें जैसे ही इसके (जहरीली शराब त्रासदी) बारे में जानकारी मिली, हमने तुरंत मेडिकल टीम तैनात कर दी। हमारी टीम घर-घर जाकर लोगों से मिल रही हैं। भले ही शराब का सेवन करने वालों में लक्षण नहीं हैं, लेकिन हम जोर दे रहे हैं कि उन्हें मेडिकल जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाए।’’ उपायुक्त ने कहा कि पीड़ितों ने रविवार या सोमवार को नकली शराब का सेवन किया था और इसके बाद उन्हें उल्टी होने लगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रभावित परिवारों के साथ हैं और उन्हें अपना पूरा समर्थन देने का आश्वासन देते हैं।’’ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सिंह ने कहा कि मुख्य आरोपी प्रभजीत सिंह को 50 लीटर ‘मेथनॉल’ की आपूर्ति मिली थी जिसे उसने हल्का मिश्रण बनाकर दो-दो लीटर के पैकेट में लोगों को बेचा। उन्होंने कहा, ‘‘हम हर पैकेट का पता लगा रहे हैं और उसे जब्त कर रहे हैं।’’ पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में पता चला कि साहिब सिंह नामक व्यक्ति ने ‘मेथनॉल’ का ऑनलाइन ऑर्डर दिया और फिर उसे वितरित किया।