नयी दिल्ली, 10 मार्च (भाषा) सरकार ने सोमवार को लोकसभा में वहन-पत्र (लैडिंग) विधेयक, 2024 विचार और चर्चा करने के लिए पेश किया।
सदन में विधेयक पेश करते हुए केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि पोत परिवहन क्षेत्र में व्यापार और वाणिज्यिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए यह विधेयक महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश की स्वतंत्रता से पहले 1856 के वहन-पत्र कानून की जगह लाया गया है।
उन्होंने कहा कि एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक आधुनिक देश होने के नाते और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के नाते यह जरूरी है कि हमारे कानूनों में हमारी अस्मिता झलके और औपनिवेशिक मानसिकता नहीं हो तथा यह विधेयक इसी दिशा में सरकार का प्रयास है।
चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के मोहम्मद हमीदुल्ला सईद ने अपने संसदीय क्षेत्र और केंद्रशासित प्रदेश लक्षद्वीप में परिवहन पूरी तरह समुद्र पर निर्भर होने का जिक्र करते हुए दावा किया कि लक्षद्वीप प्रशासन के स्वामित्व वाले पांच जहाज में से केवल एक ही जहाज से काम किया जा रहा है जिससे लोगों को दिक्कत हो रही है।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि सभी पोत सुचारू तरीके से चलने चाहिए और यदि जहाज खड़े रहेंगे तो सरकार पर अनावश्यक बोझ पड़ेगा।
उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और लक्षद्वीप प्रशासन को निर्देश दें कि वे समन्वय करके केंद्रशासित प्रदेश में व्यापार सुगमता और लोगों के परिवहन की सुगमता पर ध्यान दें।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विभू प्रसाद तराई ने कहा कि सरलीकरण के लिए सरकार यह विधेयक लाई है।
तृणमूल कांग्रेस की प्रतिमा मंडल ने विधेयक में कुछ चिंताजनक प्रावधान होने का दावा करते हुए इसे सहकारी संघवाद की भावना के खिलाफ बताया।
उन्होंने कहा कि यह विधेयक मालवहन शुल्क को विनियमित नहीं करता और छोटे कारोबारियों का समर्थन करने के बजाय बड़े संस्थानों को लाभ पहुंचाता है।
भाषा
वैभव मनीषा
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