UID Biometric Verification: 5 से 15 साल के बच्चों के आधार कार्ड को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला.. 17 करोड़ का नहीं हुआ है बायोमेट्रिक अपडेट
शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (यूडीआईएसई+) स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत एक शैक्षिक प्रबंधन सूचना प्रणाली है और यह स्कूली शिक्षा से संबंधित विभिन्न आँकड़े एकत्र करती है।
UID Biometric Verification || Image- IBC24 FILE IMAGE
- 17 करोड़ बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट लंबित
- स्कूलों में लगाए जाएंगे एमबीयू कैंप
- आधार अपडेट नहीं तो योजनाओं में बाधा
UID Biometric Verification: नई दिल्ली: भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने स्कूली बच्चों की आधार से संबंधित अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (एमबीयू) की स्थिति यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) एप्लीकेशन पर उपलब्ध कराने के लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के साथ हाथ मिलाया है। इसका फायदा यह होगा कि, करोड़ों छात्रों के लिए आधार में एमबीयू की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
17 करोड़ आधार अपडेट नहीं
पाँच वर्ष की आयु के बच्चों और पन्द्रह वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आधार में एमबीयू (एमबीयू) का समय पर पूरा होना एक अनिवार्य आवश्यकता है। आधार में बच्चों के बायोमेट्रिक डेटा की सटीकता और विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है। लगभग 17 करोड़ आधार संख्याएँ ऐसी हैं जिनमें अनिवार्य बायोमेट्रिक्स अपडेट लंबित है।
UID Biometric Verification: आधार में बायोमेट्रिक्स अपडेट करना बच्चे के लिए ज़रूरी है, अन्यथा बाद में विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लाभ प्राप्त करने, नीट, जी, सीयूईटी जैसी प्रतियोगी और विश्वविद्यालय परीक्षाओं में पंजीकरण के लिए प्रमाणीकरण करते समय उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यह ध्यान देने योग्य है कि कई बार छात्र और अभिभावक अंतिम समय में आधार अपडेट कराने की जल्दी में होते हैं, जिससे चिंताएँ बढ़ जाती हैं। समय पर बायोमेट्रिक अपडेट करके इस समस्या से बचा जा सकता है।
सभी मुख्य सचिवों को लिखा गया खत
यूआईडीएआई के सीईओ श्री भुवनेश कुमार ने भी राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के सभी मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर इस पहल से अवगत कराया है और उनसे लक्षित एमबीयू शिविरों के आयोजन में सहयोग देने का अनुरोध किया है।
UID Biometric Verification: यूआईडीएआई के सीईओ ने अपने पत्र में लिखा है, “ऐसा विचार था कि स्कूलों के माध्यम से एक कैंप आयोजित करने से लंबित एमबीयू को पूरा करने में मदद मिल सकती है। मुख्य प्रश्न यह था कि स्कूलों को कैसे पता चलेगा कि किन छात्रों ने बायोमेट्रिक अपडेट नहीं किए हैं। यूआईडीएआई और भारत सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की तकनीकी टीमों ने यूडीआईएसई+ एप्लिकेशन के माध्यम से एक समाधान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए मिलकर काम किया है। अब सभी स्कूलों को लंबित एमबीयू की जानकारी मिल सकेगी”।
यूडीआईएसई+ के बारे में
शिक्षा के लिए एकीकृत जिला सूचना प्रणाली प्लस (यूडीआईएसई+) स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत एक शैक्षिक प्रबंधन सूचना प्रणाली है और यह स्कूली शिक्षा से संबंधित विभिन्न आँकड़े एकत्र करती है। यूआईडीएआई और स्कूली शिक्षा विभाग की इस संयुक्त पहल से बच्चों के बायोमेट्रिक्स को अपडेट करने में आसानी होने की उम्मीद है।

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