UP Road Accident News| Photo Credit: IBC24 File Photo
कानपुर: KANPUR NEWS, जेल में बंद वकील अखिलेश दुबे के साथ मिलीभगत करने और पुलिस की छवि धूमिल करने के आरोप में शनिवार को चार निरीक्षकों समेत छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। दुबे पर जबरन वसूली का रैकेट चलाने और नामी हस्तियों को ब्लैकमेल करने के आरोप हैं, उसे तीन हफ्ते पहले ही जेल भेजा गया था।
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया उनमें इंस्पेक्टर मानवेंद्र सिंह, नीरज ओझा, अमन, आशीष कुमार द्विवेदी (तत्कालीन थाना प्रभारी क्रमशः पनकी, बर्रा, ग्वालटोली और फजलगंज) के अलावा दो उप निरीक्षक (एसआई) आदेश कुमार यादव और सनोज पटेल शामिल हैं। मानवेंद्र सिंह और नीरज ओझा को चार दिन पहले कानपुर के रिजर्व पुलिस लाइन स्थित कमांडो यूनिट में भेजा गया था।
KANPUR NEWS कानपुर पुलिस आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि निलंबित पुलिसकर्मी पर घोर लापरवाही, भ्रष्टाचार और अपराधियों को बचाने के आरोप हैं, जिसके बाद शनिवार को यह कार्रवाई की गई।
जांच से पता चला कि इन अधिकारियों ने कथित तौर पर दुबे और उसके गिरोह को ज़मीन हड़पने के मामलों में मदद की, शिकायतों को दबाया और वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किए बिना अदालतों में अनुकूल ज़मानत रिपोर्ट भी भेजीं।
बयान में कहा गया है कि नीरज ओझा ने एक महिला को बलात्कार पीड़िता के रूप में गलत तरीके से पेश करके दुबे को बचाने का प्रयास किया, जिसने दावा किया कि उसके साथ वरिष्ठ भाजपा नेता रवि सतीजा ने बलात्कार किया था।
दुबे को उसकी सहयोगी लवी मिश्रा के साथ बुधवार रात कानपुर पुलिस द्वारा जबरन वसूली रैकेट का भंडाफोड़ करने और भू-माफिया गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए शुरू किए गए एक महीने लंबे ‘ऑपरेशन महाकाल’ के बाद गिरफ्तार किया गया। पुलिस सूत्रों ने कहा कि दुबे की कार्यप्रणाली में व्यापारियों और राजनेताओं से पैसे ऐंठने के लिए झूठे बलात्कार के मामले दर्ज करना शामिल था।
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