Salman Khurshid dancing Video: नईदिल्ली। इन दिनों कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का एक डांस वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। शुरुआत में खुर्शीद किसी महिला के साथ सालसा डांस करते नजर आ रहे हैं। जिसे लेकर उनपर लोग तंज कस रहे हैं।
सलमान खुर्शीद बनाम एस जयशंकर जैसे कैप्शन के साथ सोशल मीडिया पर एक वीडियो चर्चा में आ गया है। इस वीडियो में लोग तंज कस रहे हैं कि देखिए कैसे कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद अपने विदेश मंत्री कार्यकाल के दौरान नाच-गाने में व्यस्त रहते थे, वहीं मौजूदा विदेश मंत्री देश को आगे बढ़ाने में लगे रहते हैं।
वहीं जब इस वीडियो के बारे में ज्यादा जानकारी ली गई तो पता चला कि ये वीडियो 2015 का है और एक बॉलीवुड गाने के रीमेक का है। 2014 में केन्द्र में बीजेपी की सरकार बन गई थी और इस समय तक सलमान खुर्शीद विदेश मंत्री के पद से हट चुके थे।
Salman Khurshid dancing Video: वीडियो की शुरुआत में खुर्शीद किसी महिला के साथ सालसा डांस करते नजर आ रहे हैं, वहीं इसके बाद जयशंकर की कई अलग-अलग क्लिप्स आती हैं जिसमें वो किसी इवेंट में दीव प्रज्वलन करते और भाषण देते नजर आते हैं। वीडियो के जरिए अप्रत्यक्ष रूप से ये बताने की कोशिश की जा रही है कि दोनों के कामकाज और संस्कारों में कितना अंतर है।
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इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “कांग्रेस सरकार के विदेश मंत्री Vs BJP सरकार के विदेश मंत्री !! फर्क है , फक्र है। एस जयशंकर जैसा विदेश मंत्री पूरे संसार में आज तक न कोई हुआ और ना कभी होगा” फेसबुक और एक्स पर ये वीडियो सैकड़ों यूजर्स शेयर कर चुके हैं।
कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर यह वीडियो ‘एबीपी न्यूज’ के यूट्यूब चैनल पर वायरल वीडियो को लेकर एक वीडियो रिपोर्ट मिली है। 25 अप्रैल 2015 को अपलोड की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत स्थित जर्मन दूतावास ने 2003 में आई शाहरुख खान स्टारर फिल्म “कल हो न हो” के टाइटल सॉन्ग का रीमेक बनाया था। इस गाने में शाहरुख का किरदार भारत में तत्कालीन जर्मन राजदूत माइकल स्टैनर ने निभाया था। वहीं प्रीती जिंटा का किरदार स्टैनर की पत्नी एलिस ने और सैफ अली खान का किरदार सलमान खुर्शीद ने अदा किया था। उस समय ये रीमेक वीडियो काफी चर्चा में आया था। इस गाने का पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।
खबरों के अनुसार, इस गाने की ज्यादातर शूटिंग जर्मन राजदूत के दिल्ली स्थित घर पर ही हुई थी। इस पर जर्मन दूतावास ने कहा था कि ये भारत- जर्मनी के बीच की “मॉडर्न डिप्लोमेसी” है। इससे दोनों देशों के रिश्तों में एक नयापन लाने की कोशिश की गई थी।