Balaghat News: चीन से MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर ने छोड़ दी लाखों की नौकरी, अब गांव लौट कर बने किसान! वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Balaghat News: चीन से MBBS की पढ़ाई कर डॉक्टर ने छोड़ दी लाखों की नौकरी, अब गांव लौट कर बने किसान! वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

  • Reported By: Hiten Chauhan

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  • Publish Date - October 7, 2025 / 12:52 PM IST,
    Updated On - October 7, 2025 / 07:17 PM IST

Balaghat News/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • लाखों की नौकरी छोड़ी,
  • झोपड़ी में बनाई जिंदगी,
  • चीन से MBBS कर गांव में बने किसान डॉक्टर,

बालाघाट: Balaghat News:  चीन से MBBS कि यादिल्ली के बड़े अस्पताल में लाखों की नौकरी थी लेकिन अब एक डॉक्टर बालाघाट की मिट्टी में खेती कर रहे हैं। सुनने में भले ही हैरानी हो लेकिन ये हकीकत है। डॉ. निरंजन कुमार ने चमक-दमक भरी जिंदगी छोड़ गांव की सादगी को अपनाया और खेती को ही अपनी नई पहचान बना लिया।

Balaghat News:  ये तस्वीरें हैं बालाघाट जिले के नंदोरा गांव की जहां एक साधारण सी झोपड़ी में रह रहा ये शख्स कोई आम किसान नहीं बल्कि डॉक्टर हैं। नाम है डॉ. निरंजन कुमार। चीन से MBBS की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली के बड़े अस्पताल में लाखों की नौकरी छोड़ दी। और अब गांव की मिट्टी में खेती कर रहे हैं। आंध्रप्रदेश के रहने वाले डॉक्टर निरंजन ने गांव की सादगी को अपनाया। उनका मानना है कि असली सेहत सिर्फ दवाइयों और अस्पतालों में नहीं, बल्कि प्रकृति, खानपान और योग में छुपी है। निरंजन बताते हैं कि लाखों की नौकरी थी, लेकिन वहां सिर्फ तनाव और दिखावा था मैंने गांव की मिट्टी चुनी यहां खेती के साथ लोगों को योग और प्राकृतिक चिकित्सा के बारे में बता रहा हूं।

Balaghat News:  उनका कहना है कि अगर खानपान और जीवनशैली सही हो, तो दवाइयों की जरूरत ही कम पड़ती है। एक डॉक्टर जिसने आलीशान जिंदगी छोड़कर गांव की मिट्टी को गले लगाया डॉ. निरंजन की कहानी ये सोचने पर मजबूर करती है कि क्या हम भी अपनी जिंदगी में थोड़ी सादगी और प्रकृति को जगह दे सकते हैं?

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"डॉ. निरंजन कुमार बालाघाट" कौन हैं?

डॉ. निरंजन कुमार एक एमबीबीएस डॉक्टर हैं जिन्होंने चीन से पढ़ाई की और दिल्ली में बड़ी नौकरी छोड़कर बालाघाट के गांव में खेती शुरू कर दी।

"डॉ. निरंजन कुमार बालाघाट" ने नौकरी क्यों छोड़ी?

उन्होंने तनाव, दिखावे और कृत्रिम जीवन से तंग आकर गांव की सादगी और प्राकृतिक जीवन अपनाया।

क्या "डॉ. निरंजन कुमार बालाघाट" अब खेती कर रहे हैं?

हाँ, वे बालाघाट के नंदोरा गांव में खेती कर रहे हैं और लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा व योग की शिक्षा भी दे रहे हैं।

क्या "डॉ. निरंजन कुमार बालाघाट" कोई संस्था चला रहे हैं?

फिलहाल वे अपने स्तर पर ही जागरूकता फैला रहे हैं, कोई औपचारिक संस्था का ज़िक्र नहीं है।

"डॉ. निरंजन कुमार बालाघाट" की प्रेरणा क्या है?

उनका मानना है कि असली स्वास्थ्य दवाओं में नहीं, बल्कि प्रकृति, योग और सादा जीवन में है।