scrub typhus virus
scrub typhus virus: सागर। मप्र के सागर में एक खतरनाक बीमारी ने दस्तक दी है। सागर के एक व्यक्ति को बीते दिनों गंभीर हालत में निजी अस्पताल से भोपाल रेफर किया गया था। यहां उसे स्क्रब टाइफस बीमारी का संक्रमण निकला है। यह जानलेवा बीमारी कोरोना के जैसे ही खतरनाक मानी जाती है। सागर में इस बीमारी का यह पहला मामला सामने आया है। सबसे गंभीर बात कि सागर में स्वास्थ्य विभाग को इस मरीज और बीमारी सामने आने की भनक तक नहीं है। राजधानी के निजी अस्पताल ने भी इस केस को अधिकृत रुप से सागर सीएमएचओ कार्यायल को रिपोर्ट नहीं किया है।
ये भी पढ़ें- आखिर क्या होने वाला है पारले-जी बिस्किट को?, कंपनी के फैसले से आप भी हो जाएंगे खुश
scrub typhus virus: मानसून सीजन में सागर सहित बुंदेलखंड में मंकीपॉक्स और कोरोना के संक्रमण के बीच एक और नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। सागर में खतरनाक स्क्रब टाइफस से संक्रमित एक मरीज मिला है। जानकारी अनुसार तिली वार्ड निवासी 38 साल के एक व्यक्ति को यह संक्रमण निकला है। सागर में लगातार इलाज के बाद जब डॉक्टरों की समझ में बीमारी का कारण नहीं आया तो मरीज को भोपाल के निजी अस्पताल रेफर कराया गया था। वहां दो दिन बाद लक्षणों के आधार पर जांच कराई गई तो उसे स्क्रब टाइफस बीमारी का संक्रमण पाया गया। जब इसकी जानकारी परिजन को दी गई तो उनके होश उड़ गए।
ये भी पढ़ें- नाजुक हालत के बीच इस शख्स ने राजू श्रीवास्तव को दी ‘धमकी’, कही ये बात
scrub typhus virus: परिजन के बताए अनुसार मरीज की तबियत 6 अगस्त से खराब थी। उसे हाथ-पैर में तेज दर्द, बुखार और सर्दी-जुखाम की शिकायत थी। पहले उसे सागर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कर इलाज कराया जा रहा था। बीच में उसकी सेहत में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। दोबारा तबियत बिगड़ने पर उसे फिर भर्ती कराया गया था। बाद में उसे गंभीर हालत के चलते भोपाल रेफर कर दिया गया। जहां बीते दिनों उसको स्क्रब टाइफस का संक्रमण होने की जानकारी सामने आई थी, वह जिस अस्पताल में भर्ती था, उस अस्पताल ने इलाज से हाथ खडे़ कर दिए थे, बाद में दूसरे निजी अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि उसका ऑक्सीजन लेवल 80 प्रतिशत तक आ गया था। सबसे बड़ी बात स्वास्थ्य विभाग को अभी तक यह जानकारी अधिकृत रुप से राजधानी से नहीं मिल पाई है। बीते रोज व्यक्तिगत स्तर पर जानकारी मिलने के बाद सीएमएचओ ने मरीज के घर व आसपास का सर्वे करने के लिए टीम भेजी लेकिन सही पता न होने से घर नहीं मिल पाया।
ये भी पढ़ें- क्या फिर से आंदोलन की राह पकड़ने जा रहा किसान! दिल्ली में किसानों की होने जा रही बड़ी बैठक
scrub typhus virus: बीमारी का वायरस जानवारों के शरीर में होता है। मवेशियों व जंगली जानवरों के अलावा घरों में पाए जाने वाले चूहों में भी इसका वायरस पाया जाता है। इनके शरीर पर रहने वाले छोटे-छोटे पिस्सू इसको इंसानों तक फैलाने का काम करते हैं। यह पिस्सू हमारे शरीर में जब काटते हैं तो यह वायरस हमारे ब्लड में अंदर पहुंच जाता है। स्क्रब टाइफस के ये लक्षण शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। यह समय के साथ सेंट्रल नर्वस सिस्टम, कार्डियो वस्कुलर सिस्टम, गुर्दे, सांस से जुड़ी और गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल सिस्टम को प्रभावित करता है। कई मामलों में मल्टी ऑर्गन फेल्योर से भी रोगी की मौत हो सकती है। इसके लक्षणों में बुखार और ठंड लगना शामिल है। इसके अलावा सिर, शरीर और मांसपेशियों में दर्द, लाल चकत्ते भी उभरते हैं। बीमारी बढ़ने पर काटने वाली जगह का रंग गहरा लाल या काला हो जाता है। हालत बिगड़ने पर मलेरिया, इंसेफलाइटिस या कोमा में भी मरीज जा सकता है। यह बीमारी मानसून के दौरान ज्यादा फैलती है।