Waqf Bill Virodh: ‘बिल पास हुआ तो मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान..’ मुस्लिम समुदाय ने हाथों पर काली पट्टी बांध कर पढ़ी अलविदा जुमे की नमाज, की ये मांग 

Waqf Bill Virodh: 'बिल पास हुआ तो मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान..' मुस्लिम समुदाय ने हाथों पर काली पट्टी बांध कर पढ़ी अलविदा जुमे की नमाज, की ये मांग 

  • Reported By: Vivek Pataiya

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  • Publish Date - March 28, 2025 / 06:38 PM IST,
    Updated On - March 28, 2025 / 06:38 PM IST

Waqf Bill Virodh | Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में उतरा मुस्लिम समुदाय
  • मुस्लिम समुदाय ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर पढ़ी अलविदा जुमे की नमाज
  • नमाजियों ने एकजुटता दिखाते हुए बिल को रद्द करने की मांग की

Waqf Bill Virodh: भोपाल। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ईद के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 ला सकती है। इन सबके बीच वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है। मुस्लिम समुदाय ने ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर वक्फ बिल के विरोध में हाथों पर काली पट्टी बांध कर अलविदा नमाज पढ़ी। भोपाल में भी काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए जमातउलविदा की नमाज पढ़ी गई। ताजुल मस्जिद सहित अन्य मंस्जिदो में हाथों पर काली पट्टी बांधकर मुसलमानो ने नमाज पढ़ी और विरोध जताया। इस मामले में अब प्रदेश का सियासी पारा भी गरमाया हुआ है।

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वक्फ बिल को रद्द करने की मांग

रमजान माह की अलविदा की नमाज के मौके पर भोपाल की मस्जिदों में पहुंचे मुसलमानों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) का विरोध किया। जुमातुल विदा की नमाज पर एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद ताज-उल-मसाजिद में हजारों नमाजियों ने आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की अपील पर बांह पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध करते हुए नमाज पढ़ी। काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने वाले मुसलमानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, वक्फ संशोधन बिल के विरोध में काली पट्टी बांधकर हम आये हैं। यह संशोधन नहीं होना चाहिए। इसमें किसी की दखलंदाजी सही नहीं। यदि यह बिल पास हुआ तो मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, कई संस्थाए हाथ से निकल जाएंगे। नमाजियों ने एकजुटता दिखाते हुए बिल को रद्द करने की मांग की।

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काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध

मुसलमानों के काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का विरोध करने पर सूबे में खूब सियासत हो रही है। बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि, वक्फ की जमीन से केवल दो-चार-दस परिवार पलते रहें, इससे काम नहीं चलेगा। करोड़ों मुसलमान दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। पंचर की दुकान, हाथ ठेला, कबाड़ी का धंधा कर रहे हैं। उनके पास शिक्षा का, इलाज का साधन नहीं, रहने को मकान नहीं है। अगर मोदी ने उन गरीब मुसलमानों का सोचा तो क्या गलत किया? लाखों एकड़ वक्फ की जो भूमि पड़ी है, उस पर गरीब मुसलमानों के मकान बनाए जाएं, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, शिक्षा के लिए स्कूल, कॉलेज, अस्पताल खोले जाएं।

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रामेश्वर शर्मा ने कहा कि, इस बात से बड़े मुसलमान लीडर जो मुसलमानों के नाम पर राजनीति कर अपना पेट भरते हैं, उनको थोड़ा दर्द जरूर होगा। अब जिनके पेट में दर्द होगा, उन्हें हाजमा की गोली दी जाएगी, लेकिन गरीबों का कल्याण जरूर होगा। मुसलमानों की ईद आ रही है.. यह तो मीठी ईद है तो मीठा खाओ, मीठा बोलो, दूसरों के भविष्य के बारे में मीठा सोचो। उधर कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज़ने कहा कि, यह कोई राजनीतिक अपील नहीं है। रामेश्वर शर्मा जबरन धर्म की राजनीति कर रहे हैं। केंद्र सरकार हमेशा मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को दबाने का प्रयास करती है।

वक्फ संशोधन विधेयक क्या है?

दरअसल, वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बना वक्फ बोर्ड अब तक 1995 के वक्फ अधिनियम के तहत काम करता है। वक्फ (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता, वक्फ की अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को मुक्त करने के लिए कानूनी सुधारों को पेश करके प्रमुख चुनौतियों का समाधान करना है। देश में वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और सेना के बाद सबसे ज्यादा जमीन है। मप्र में भी अरबों रुपये कीमत की 14,986 संपत्तियां वक्फ बोर्ड के पास है। अब आइए आपको बताते है कि वक्फ बोर्ड के नए प्रस्तावित बिल में क्या ख़ास है..

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  1.  नए बिल के अनुसार जमीन पर दावा करने वाला ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट या हाईकोर्ट में अपील कर सकेगा।
  2. अब वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकेगी।
  3. जब तक किसी ने वक्फ को दान में जमीन नहीं दी हो। उस पर भले ही मस्जिद बनी हो पर वह वक्फ की संपत्ति नहीं होगी।
  4. वक्फ बोर्ड में 2 महिलाओं और अन्य धर्म के 2 सदस्यों को एंट्री मिलेगी।

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वक्फ का क्या मतलब होता है?

वक्फ का मतलब होता है अल्लाह के नाम यानी ऐसी जमीनें जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम नहीं है, लेकिन मुस्लिम समाज से संबंधित हैं, वो वक्फ की जमीनें होती हैं। इसमें मस्जिद, मदरसे, कब्रिस्तान, ईदगाह, मजार, नुमाइश, कृषि भूमि, यतीमखाने की जगहें शामिल हैं। वक्फ संशोधन बिल का पूरे देश में मुस्लिम संगठन विरोध कर रहे हैं। उधर केंद्र की मोदी सरकार ने ईद के बाद ईद के बाद लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक 2025 लाने की पूरी तैयारी कर ली है। वक्फ संशोधन बिल पर अब बीजेपी और विपक्ष में तुष्टिकरण बनाम संतुष्टिकरण की जंग तेज होती जा रही है।

क्या है वक्फ संशोधन बिल और क्यों इसका विरोध किया जा रहा है?

वक्फ संशोधन बिल का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों से संबंधित नियमों में बदलाव करना है। इसका विरोध इसलिए हो रहा है क्योंकि मुसलमानों का मानना है कि इस बिल के लागू होने से मस्जिदों, मदरसों, कब्रिस्तानों और अन्य धार्मिक संपत्तियों पर बाहरी दखलअंदाजी बढ़ सकती है।

काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने का क्या मतलब था?

काली पट्टी बांधकर नमाज पढ़ने का मतलब था कि मुस्लिम समुदाय वक्फ संशोधन बिल का विरोध कर रहा है और इस विरोध को शांतिपूर्वक और एकजुट होकर व्यक्त कर रहा है।

वक्फ संशोधन बिल को लेकर आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का क्या रुख है?

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल के खिलाफ अपनी आपत्ति जताई है और इसे मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता और संपत्ति पर अनावश्यक हस्तक्षेप मानते हुए रद्द करने की मांग की है।