कहीं सपना बनकर न रह जाए सरकारी नौकरी की चाहत, सरकार के इस फैसले से युवाओं पर पड़ सकता है बड़ा असर

Retirement age: कहीं सपना बनकर न रह जाए सरकारी नौकरी की चाहत, सरकार के इस फैसले से युवाओं पर पड़ सकता है बड़ा असर

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  • Publish Date - September 21, 2022 / 05:46 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:56 PM IST

Retirement age: भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार, सरकारी कर्मचारियों को खुश करते हुए उनकी रिटायरमेंट उम्र को बढ़ाने पर विचार कर रही है। रिटायरमेंट की उम्र को 62 से 65 साल करने पर विचार चल रहा है। अगर सरकार इसे मंजूरी देती है तो इस फैसले का असर प्रदेश के लाखों युवाओं पर पड़ेगा। इन सबको नजरअंदाज कर सरकार सिर्फ सरकारी कर्मचारी को खुश करने की तैयारी में है। हालांकि मध्य प्रदेश में कई कर्मचारी संगठन भी इस सिफारिश के विरोध में है। सरकार हर माह घटती कर्मचारियों की संख्या और पदोन्नति पर रोक को देखते हुए राज्य सरकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ाकर 65 साल करती है तो इससे मध्य प्रदेश में बेरोजगारी दर बढ़ने की संभावना है।

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रिटायरमेंट एज बढ़ाने की सिफारिश

Retirement age: मध्य प्रदेश में पिछले कई सालों से बंद पड़ी सरकारी भर्तियों के साइड इफेक्ट दिखने लगे हैं। एक तो पुराने सरकारी कर्मचारियों की किल्लत हो गई है। वहीं दूसरी ओर अगले सालों में बड़े पैमाने पर कर्मचारी सेवानिवृत्त भी होने वाले हैं। ऐसे में सरकार से जुड़े कर्मचारी कल्याण बोर्ड ने ने सरकार से रिटायरमेंट की उम्र 62 से 65 करने की सिफारिश की है। दरअसल इसके पीछे सरकार की चिंता खाली खजाने को लेकर है सरकार के खजाने की हालत खस्ता हाल है। अगर कर्मचारी रिटायर होते है तो शिवराज सरकार को तीन साल में 70 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान पेंशन ग्रेच्युटी के तौर पर करना होगा। यही वजह है सरकार खुद भी चाहती है की इस सिफारिश को लागू किया जाए।

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कई सालों से नहीं हुई भर्तियां

Retirement age: मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की दर लगातार बढ़ रही है। पिछले कई सालों से पुलिस और शिक्षा विभाग के अलावा किसी भी विभाग में बड़े पैमाने पर भर्तियां नहीं हुई हैं, जिसका असर कामकाज पर पड़ रहा है। मध्य प्रदेश के बेरोजगार सेना के प्रमुख अक्षय हुंका कहते हैं कि प्रदेश में बेरोजगार करीब एक करोड़ के करीब हैं। उस पर उनको नौकरी देने की जगह रिटायरमेंट की उमर बढ़ाना किसी धोखे से कम नहीं है। वहीं मध्य प्रदेश में कुछ कमर्चारी संगठन भी इस सिफारिश का विरोध कर रहे है। कमर्चारियों का कहना है कि सरकार को कमर्चारियों की उम्र बढ़ाने के बजाय उसे घटाकर 60 साल कर देना चाहिए जिससे कर्मचारियों को बढ़ती उम्र में आराम भी मिलेगा और नयी भर्ती के बाद बेरोजगार युवाओ को रोजगार भी मिले।

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21 विभागों में करीब 93 हजार से ज्यादा पद खाली

Retirement age: मध्य प्रदेश में इन दिनों एक करोड़ युवा बेरोजगार है। ये बेरोजगार युवा चुनाव में सरकार का गणित बना और बिगाड़ सकते है। सरकार ने प्रदेश में एक लाख पदों पर भर्ती का एलान किया है। इनमे मध्य प्रदेश सरकार को 21 बड़े विभागों में 93,681 रिक्त पदों की आधिकारिक जानकारी प्राप्त हो गई है। पर अब तक भर्ती प्रक्रिया की शुरूआत नहीं हुई है। एक तरफ सरकार माली हालत के चलते युवाओं से छलावा कर कर्मचारियों की उम्र बढ़ाने के फैसले पर विचार कर रही तो वहीं कांग्रेस बेरोजगार युवाओं के बहाने इसे चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।

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युवाओं का सपना होगी सरकारी नौकरी

Retirement age: आंकड़ों के मुताबिक मध्य प्रदेश में साढ़े सात लाख कर्मचारी होने चाहिए, लेकिन इस समय ये संख्या सिर्फ सवा चार लाख ही बची है। इनमें से भी अगले तीन साल में ढाई लाख कर्मचारी रिटायरमेंट की दहलीज पर खड़े होंगे। मगर इनको विदाई देने की जगह रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की कवायद तेजी होने लगी है। अगर सरकार ऐसा करती है तो आने वाले कई सालों तक युवाओं को सरकारी नौकरी इन्तजार केवल इन्तजार बनकर रह जाएगा।

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