FIR On Jitu Patwari | Photo Credit: IBC24
भोपाल: FIR On Jitu Patwari मध्यप्रदेश में जीतू पटवारी पर हुई एफआईआर ने तूल पकड़ लिया है। इस मामले में अब सच कौन बोल रहा है और झूठ कौन? इससे ज्यादा अहम ये हो गया है कि क्या राजनीति के चक्कर में ये सारा खेल अंजाम दिया जा रहा है? दो दिन पहले जिसको पीड़ित बताकर पटवारी पूरे सिस्टम को घेर रहे थे। अब वही युवक हलफनामा देकर अगर ये कह रहा है कि पटवारी एंड पार्टी ने उसे बरगलाया तो आरोप संगीन हो जाता है। इस संगीन आरोप से प्रदेश की सियासत गर्म हो चुकी है। सवालों और आरोपों के अंधड़ में सच क्या है। इसकी तलाश आज करने की कोशिश हम करेंगे। खास मेहमान हमारे साथ होंगे।
FIR On Jitu Patwari ये वो वीडियो है जिसने मध्यप्रदेश का सियासी पारा बेहद हाई कर दिया था। सरकार को खूब घेरा गया। फिर आया ये शपथपत्र जिसने फिर एमपी में सियासी संग्राम छेड़ दिया है। यहां तक कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर एफआईआर दर्ज हो गई। वैसे ये वीडियो कुछ दिन पहले का है। जिसे खुद पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने अपने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए दावा किया था कि दलित युवकों के साथ अत्याचार हुआ है। उन्हें न सिर्फ मारा पीटा गया बल्कि जबरन मानव मल भी खिलाया गया। तब सरकार को खूब घेरते हुए यह कहा गया कि ये जंगलराज का नमूना है। कांग्रेस सरकार पर हमलावर थी।
लेकिन इस पूरे मामले में ट्विस्ट तब आया जब पीड़ितों ने बाकायदा शपथपत्र देकर ये बताया कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने झूठा बयान देने के लिये लालच दिया। आरोप लगाया कि कांग्रेस नेताओं ने उन्हें मोटरसाइकिल और आर्थिक मदद का वादा किया था। इसके बाद अब पीसीसी चीफ पर एफआईआर दर्ज हुई है। पुलिस ने जांच शुुरु कर दी है। पटवारी पर FIR दर्ज हुई तो दूसरी तरफ पटवारी ने मोर्चा संभाला और सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि मैं अच्छा काम कर रहा हूं, इसलिए मुझे मेडल मिला।
FIR के खिलाफ न सिर्फ पीसीसी चीफ बल्कि कांग्रेसी भी उतरे। भोपाल में एक तरफ NSUI ने प्रदर्शन किया, तो दूसरी तरफ प्रेस कॉन्फ्रेस में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और सुखदेव पांसे ने सरकार पर एक नहीं कई गंभीर आरोप लगाए। कहा कि जीतू पटवारी पर FIR से कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं है। हालांकि बीजेपी पूरे मामले में हमलावर दिखी। कांग्रेस पर मध्यप्रदेश की छवि खराब करने के गंभीर आरोप लगाए।
सियासी आरोप-प्रत्यारोप से इतर मामला और पेचीदा होता जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल ये कि आखिर सच है क्या क्या वाकई पीड़ितों को मल खिलाया गया। या फिर अब डर या दवाब के कारण वो अपने बयान से पलटे हैं। या फिर वो किसी राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं। इन सवालों के जवाब मिलेंगे तभी खुलासा होगा आखिर कौन सच्चा और कौन झूठा।