Gwalior News: तेजी से बढ़ रही “कार्बाइड गन” के शिकार लोगों की संख्या, पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ दर्ज की FIR, कलेक्टर ने दिया बड़ा आदेश

Gwalior News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आंख फोड़ू गन यानी कि "कार्बाइड गन" से शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - October 24, 2025 / 01:21 PM IST,
    Updated On - October 24, 2025 / 01:21 PM IST

Gwalior News/Image Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • "कार्बाइड गन" से शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
  • कल इनकी संख्या 19 थी और आज बढ़कर 36 हो गई है।
  • यह आंकड़े ग्वालियर शहर के तीन अस्पतालों के हैं।

Gwalior News: ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आंख फोड़ू गन यानी कि “कार्बाइड गन” से शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कल इनकी संख्या 19 थी और आज बढ़कर 36 हो गई है। यह आंकड़े ग्वालियर शहर के तीन अस्पतालों के हैं। जहां इन लोगों की आंख की रोशनी अब वापस लौट पाएगी या नहीं… इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। हालांकि ग्वालियर कलेक्टर ने धारा 163 के तहत “कार्बाइड गन” के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंधक आदेश जारी कर दिया है, तो वहीं गन बनाने वाले पर छापेमार कार्रवाई की गई है। दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।

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एक साथ सामने आए 17 मामले

Gwalior News: ग्वालियर में कार्बाइड गन यानी देशी पटाखा गन से आंख चोटिल होने के 17 नए केस सामने आए हैं, जबकि 19 मामले पहले ही आ चुके थे। अब तक 48 घंटे में 36 केस ग्वालियर के जयारोग्य अस्प्ताल, जिला अस्पताल, बिड़ला व रजन ज्योति नेत्रालय तक पहुंचे हैं। इनमें से आठ की आंख में ज्यादा चोट थी, इनमें से चार लोगों की आंख का कॉर्निया जलकर सफेद हो गया है। इनको इलाज में लेकर ऑपरेट किया गया है। आंख की रोशनी कितने दिन बाद लौटेगी फिलहाल कहना मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि कम से कम सात दिन बाद परिणाम पता लगेगा।

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कलेक्टर ने लगाया कार्बाइड गन पर प्रतिबंध

Gwalior News: गुरुवार की शाम को पुलिस ने कलेक्टर द्वारा धारा 163 लागू होने के बाद कार्बाइड गन के क्रय-विक्रय व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। आदेश आने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो इंदरगंज थाना स्थित झाडू वाला मोहल्ला एक युवक कार्बाइड गन का विक्रय करता मिल गया है। पुलिस ने शाहिद अली को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वही वही “कार्बाइड गन” की शिकार बच्चे और महिलाओं का कहना है कि इस गन से उनकी आंखों की रोशनी छीन ली है, वह चाहते हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो जिन्होंने गन का निर्माण किया है।

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खतरनाक ट्रेंड बनी कार्बाइड गन

Gwalior News: बहरहाल बाजार में 100 से 200 रुपए में मिलने वाली यह गन अब ‘खतरनाक ट्रेंड’ बन चुकी है। इसमें भरा कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर एसीटिलीन गैस बनाता है। यह गैस विस्फोट के साथ जलती है और कुछ ही सेकंड में आंखों, त्वचा और चेहरे को झुलसा देती है। राहत की बात यही है कि इतनी बड़ी संख्या में केस आने के बाद पुलिस और प्रशासन की नींद खुली है। उन्होंने इस गन के इस्तेमाल करने पर…. क्रय और विक्रय करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन यह प्रतिबंध तब लगाया है, जब इतने बड़ी संख्या में केसेस सामने आए हैं। हालांकि अब देखना यही है कलेक्टर के आदेश के बाद क्या मार्केट से यह गन गायब हो पाती है क्या नहीं।

कार्बाइड गन क्या होती है?

कार्बाइड गन एक देशी पटाखा गन होती है, जिसमें कैल्शियम कार्बाइड और पानी की प्रतिक्रिया से एसीटिलीन गैस बनती है। यह गैस जलकर धमाका करती है, जिससे गंभीर चोटें लग सकती हैं।

ग्वालियर में कार्बाइड गन से कितने लोग घायल हुए हैं?

अब तक 36 लोग घायल हो चुके हैं, जिनमें कई की आंखों की रोशनी जाने का खतरा है।

क्या ग्वालियर में कार्बाइड गन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है?

हाँ, ग्वालियर कलेक्टर ने धारा 163 के तहत कार्बाइड गन की बिक्री, खरीद और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।

कार्बाइड गन से होने वाले खतरे क्या हैं?

इस गन से निकलने वाली एसीटिलीन गैस विस्फोट के साथ जलती है, जिससे आंखें, चेहरा और त्वचा झुलस जाती है। कई मामलों में स्थायी अंधत्व भी हो सकता है।

कार्बाइड गन बनाने या बेचने वालों पर क्या कार्रवाई होगी?

पुलिस ने ऐसे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और चेतावनी दी है कि भविष्य में पकड़े जाने पर कड़ी सजा और जुर्माना लगाया जाएगा।