Reported By: Nasir Gouri
,Gwalior News/Image Credit: IBC24
Gwalior News: ग्वालियर: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में आंख फोड़ू गन यानी कि “कार्बाइड गन” से शिकार लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कल इनकी संख्या 19 थी और आज बढ़कर 36 हो गई है। यह आंकड़े ग्वालियर शहर के तीन अस्पतालों के हैं। जहां इन लोगों की आंख की रोशनी अब वापस लौट पाएगी या नहीं… इसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है। हालांकि ग्वालियर कलेक्टर ने धारा 163 के तहत “कार्बाइड गन” के क्रय-विक्रय पर प्रतिबंधक आदेश जारी कर दिया है, तो वहीं गन बनाने वाले पर छापेमार कार्रवाई की गई है। दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है।
Gwalior News: ग्वालियर में कार्बाइड गन यानी देशी पटाखा गन से आंख चोटिल होने के 17 नए केस सामने आए हैं, जबकि 19 मामले पहले ही आ चुके थे। अब तक 48 घंटे में 36 केस ग्वालियर के जयारोग्य अस्प्ताल, जिला अस्पताल, बिड़ला व रजन ज्योति नेत्रालय तक पहुंचे हैं। इनमें से आठ की आंख में ज्यादा चोट थी, इनमें से चार लोगों की आंख का कॉर्निया जलकर सफेद हो गया है। इनको इलाज में लेकर ऑपरेट किया गया है। आंख की रोशनी कितने दिन बाद लौटेगी फिलहाल कहना मुश्किल है। डॉक्टरों का कहना है कि कम से कम सात दिन बाद परिणाम पता लगेगा।
Gwalior News: गुरुवार की शाम को पुलिस ने कलेक्टर द्वारा धारा 163 लागू होने के बाद कार्बाइड गन के क्रय-विक्रय व उपयोग पर प्रतिबंध लगाया था। आदेश आने के बाद पुलिस ने छानबीन की तो इंदरगंज थाना स्थित झाडू वाला मोहल्ला एक युवक कार्बाइड गन का विक्रय करता मिल गया है। पुलिस ने शाहिद अली को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। वही वही “कार्बाइड गन” की शिकार बच्चे और महिलाओं का कहना है कि इस गन से उनकी आंखों की रोशनी छीन ली है, वह चाहते हैं कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो जिन्होंने गन का निर्माण किया है।
Gwalior News: बहरहाल बाजार में 100 से 200 रुपए में मिलने वाली यह गन अब ‘खतरनाक ट्रेंड’ बन चुकी है। इसमें भरा कैल्शियम कार्बाइड पानी के संपर्क में आने पर एसीटिलीन गैस बनाता है। यह गैस विस्फोट के साथ जलती है और कुछ ही सेकंड में आंखों, त्वचा और चेहरे को झुलसा देती है। राहत की बात यही है कि इतनी बड़ी संख्या में केस आने के बाद पुलिस और प्रशासन की नींद खुली है। उन्होंने इस गन के इस्तेमाल करने पर…. क्रय और विक्रय करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। लेकिन यह प्रतिबंध तब लगाया है, जब इतने बड़ी संख्या में केसेस सामने आए हैं। हालांकि अब देखना यही है कलेक्टर के आदेश के बाद क्या मार्केट से यह गन गायब हो पाती है क्या नहीं।