Madhya Pradesh Assembly Election 2023
Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : जबलपुर। नए साल की शुरुआत हो चुकी है। साल 2023 में देश के 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव का आगाज होने वाला है। गुजरात में मिली ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा पूरी तैयारी में है कि इन 9 राज्यों में अपना दमखम दिखा सके। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले इन राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भाजपा या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। इन चुनाव के नतीजे ही आने वाले 2024 में लोकसभा चुनाव की जीत के रास्ते खोलेगी।
Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : इस साल मध्यप्रदेश में भी विस चुनाव होने वाला है। जिसको लेकर प्रदेश में भी चुनावी बिगुल बज चुका है। भाजपा और कांग्रेस ने अपने स्तर से तैयारियां तेज कर दी है। 21 जनवरी को कमलनाथ प्रदेश की संस्कारधानी यानि की जबलपुर में थे। प्रदेश कांग्रेस ने शनिवार को हिंदुत्व की राह में बड़ा कदम उठाया। संस्कारधानी जबलपुर में मध्य प्रदेश कांग्रेस के धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ के बैनर तले अब कई धार्मिक आयोजनों किए जाएंगे। इसका उद्घाटन पूर्व सीएम कमलनाथ ने किया। इस दौरान कांग्रेस के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे।
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : उन्होंने मां नर्मदा का पूजन, भगवान शिव का अभिषेक और गौ पूजन के साथ इस धार्मिक अभियान की शुरुआत की। उन्होंने यह इशारा भी कर दिया कि साल 2023 में कांग्रेस के धर्म के आधार पर चुनाव लड़ सकती है। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा कि मैंने सबसे बड़े हनुमान मंदिर का निर्माण भी कराया है, लेकिन उसका प्रचार नहीं किया। बीजेपी सिर्फ धर्म के आधार पर राजनीति करना चाहती है। दूसरी ओर पूर्व सीएम कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए किए गए ट्वीट और उस पर सिंधिया के जवाब पर एक बार फिर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस को तोपों की कोई जरूरत नहीं है। जनता उनकी ही 15 माह की सरकार को याद कर रही है।
प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ जबलपुर के बरगी विधानसभा स्थित नादिया घाट पहुंचे। उन्होंने यहां धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लिया। उन्होंने नादिया घाट में 21 फीट ऊंचे नंदीश्वर शिवलिंग का भूमि पूजन और हवन किया। इसके बाद वे यात्रा में शामिल हो गए। उन्होंने यहां मीडिया से भी बात की। उन्होंने कहा कि धर्म का ठेका सिर्फ बीजेपी ने नहीं लिया है। कांग्रेस धार्मिक आयोजन बहुत पहले से करती आ रही है। लेकिन, कभी उसकी पब्लिसिटी नहीं करती।
पूर्व सीएम कमलनाथ ने सिंधिया के बाद सीएम शिवराज सिंह पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि चुनाव के 7 माह पहले सीएम को महाकौशल याद आ रहा है। यह सब सिर्फ चुनावी नाटक नौटंकी है। यहां तक कि बीजेपी की विकास यात्रा भी ‘फ्रॉड यात्रा’ से कम नहीं है। कमलनाथ ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि आखिरी 7 महीने में भाजपा जनता को गुमराह कर आखिर क्या करना चाहती है। कांग्रेस ने ‘नया साल नई सरकार’ के नारे के साथ सियासी साल 2023 का आगाज किया।