Mamera Yatra Marriage : मामा ने भांजे की शादी को बना दिया यादगार, इस बात के लिए बैलगाड़ी से किया 260 किलोमीटर का सफर, पूरा मामला जान हो जाएंगे हैरान

भांजे की शादी में मामा का अनोखा अवतार...बैलगाड़ी से 260 किलोमीटर सफर...Mamera Yatra Marriage: Unique incarnation of maternal uncle in nephew's

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  • Publish Date - February 19, 2025 / 11:31 AM IST,
    Updated On - February 19, 2025 / 01:19 PM IST

Mamera Yatra Marriage Video Source IBC24

HIGHLIGHTS
  • परंपरा और संस्कृति से सजी अनूठी मामेरा यात्रा,
  • इंदौर से बैलगाड़ी में भांजे की शादी में पहुंचे मामा,
  • संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का एक बेहतरीन उदाहरण - मामा

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नीमच :  Neecham News आधुनिक दौर में जहां लोग तेज रफ्तार वाहनों को प्राथमिकता देते हैं, वहीं नीमच के कुकड़ेश्वर नगर में एक अनूठी परंपरा देखने को मिली। यहां एक भांजे की शादी में मामा 260 किलोमीटर का सफर तय कर बैलगाड़ी से पहुंचे। इंदौर से नीमच तक 26 घंटे का लंबा सफर तय कर आए मामा और उनके परिवार को देखकर हर कोई हैरान रह गया। इस अद्भुत दृश्य का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। Mamera Yatra Marriage

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क्या है यह अनूठी परंपरा?

Mamera Yatra Marriage : मालवा क्षेत्र में वर्षों से यह परंपरा रही है कि जब किसी भांजे की शादी होती है, तो मामा विशेष रूप से मामेरा लेकर पहुंचता है। इसी परंपरा को निभाते हुए इंदौर निवासी मामा ने भांजे की इच्छा पूरी करने के लिए बैलगाड़ी में सफर करने का निर्णय लिया। मामेरा यात्रा के लिए विशेष रूप से पठार क्षेत्र के शोपुरिया गांव से पारंपरिक बैलगाड़ी मंगवाई गई। 26 घंटे के सफर के बाद जब यह सजी-धजी बैलगाड़ी कुकड़ेश्वर की गलियों से गुजरी, तो पूरे नगर में उत्सव का माहौल बन गया। बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़ों के साथ निकली इस बिंदोरी ने लोगों को मालवा की सांस्कृतिक धरोहर की याद दिला दी।

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संस्कृति की जड़ों से जुड़ी भावनाएं

Mamera Yatra Marriage : मामा के परिवार ने बताया कि भांजे ने विशेष रूप से पारंपरिक अंदाज में मोसरा लाने की इच्छा जताई थी। यह सफर न केवल उनके लिए यादगार बना, बल्कि संस्कृति और परंपराओं को सहेजने का एक बेहतरीन उदाहरण भी प्रस्तुत किया।

"260 किलोमीटर की बैलगाड़ी यात्रा का कारण क्या था?"

यह पारंपरिक मामेरा परंपरा का हिस्सा था, जिसमें मामा को भांजे की शादी में खास तरीके से मामेरा लेकर आना होता है।

"क्या मालवा में मामेरा की यह परंपरा आम है?"

हां, मालवा क्षेत्र में यह परंपरा बहुत पुरानी है, लेकिन बैलगाड़ी से मामेरा लाने की घटना आज के समय में दुर्लभ मानी जा रही है।

"क्या इस बैलगाड़ी यात्रा का वीडियो वायरल हुआ?"

हां, यह अनूठी परंपरा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे लोग भारतीय संस्कृति की इस खूबसूरत परंपरा की सराहना कर रहे हैं।

"क्या इस तरह की पारंपरिक मामेरा यात्राएं भविष्य में जारी रहेंगी?"

आधुनिकता के बावजूद, यह परंपराएं भावनाओं और संस्कृति से जुड़ी हैं, इसलिए भविष्य में भी लोग इन्हें अपनाते रहेंगे।

"क्या मामेरा के दौरान अन्य विशेष रस्में भी निभाई गईं?"

हां, बैंड-बाजे, ढोल-नगाड़े और पारंपरिक तरीके से बिंदोरी निकाली गई, जिससे यह समारोह और भी यादगार बन गया।