भोपाल: प्रदेश में इन दिनों सीएम शिवराज सिंह चौहान जनदर्शन के जरिए जनता से संवाद कर रहे हैं और पार्टी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर पूर्व सीएम उमा भारती के वायरल वीडियो और बयान बीजेपी और सरकार की परेशानी बढ़ा रही है। ब्यूरोक्रेट्स पर विवादित बयान हो या फिर शराबबंदी को लेकर सड़कों पर लठ्ठ लेकर उतरने की धमकी देना। पूर्व केंद्रीय मंत्री अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर रही है।
अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली बीजेपी की फायरब्रांड नेता उमा भारती एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री रहीं उमा भारती ने कहा है कि ब्यूरोक्रेसी की कोई औकात नहीं होती। ब्यूरोक्रेसी सिर्फ चप्पल उठाने वाली होती है, जिस पर काफी विवाद हुआ। हालांकि बाद में उमा भारती ने अपनी सफाई तो दी लेकिन इस बार नेताओं को निकम्मा भी बता दिया है।
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उमा ने ट्विटर पर लिखा कि हम नेताओं में से कुछ सत्ता में बैठे निकम्मे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिए ब्यूरोक्रेसी की आड़ ले लेते हैं कि हम तो बहुत अच्छे हैं। लेकिन ब्यूरोक्रेसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती। जबकि सच्चाई यह है कि ईमानदार ब्यूरोक्रेसी सत्ता में बैठे हुए मजबूत सच्चे और नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है। यही मेरा अनुभव है. मुझे रंज है कि मैंने असंयत भाषा का इस्तेमाल किया जबकि मेरे भाव अच्छे थे। मैंने आज से यह सबक सीखा कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी संयत भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
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मध्यप्रदेश में बीजेपी की ही सरकार है। ऐसे में उमा भारती के ब्यूरोक्रेसी पर दिए विवादित बयान के बाद राज्य सरकार को असहज कर दिया है। उमा भारती के इस बयान के बाद बीजेपी बैकफुट पर है। बीजेपी के तमाम नेता सफाई देते रहे है। जबकि कांग्रेस ब्यूरोक्रेसी के इन शब्दों के बहाने बीजेपी और सरकार दोनों घेर रही है। ब्यूरोक्रेट्स को लेकर दिए बयान पर विवाद थमा भी नहीं था कि उमा भारती का ओबीसी महासभा के प्रतिनिधियों के समय का ही एक और वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उमा भारती के सामने ओबीसी महसभा के प्रतिनिधि बीजेपी विधायक , सांसद और मंत्रियों को अपने क्षेत्र में नहीं घुसने की धमकी देते नजर आ रहे है।
2024 तक सक्रिय राजनीति से दूरी बनाने की बात कहने वाली उमा भारती एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत में सक्रिय नजर आ रही है। खास बात ये है कि कभी अपने भाषण और बयानों से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने वाली उमा भारती इन दिनों अपनी ही सरकार पर शब्दों के बाण चला रही है। ब्यूरोक्रेट्स पर बयान हो या फिर शराबबंदी को लेकर सड़कों पर लठ्ठ लेकर उतरने की धमकी देकर वो अपनी ही सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही हैं। बहरहाल उमा भारती लौटी हैं, तो मध्यप्रदेश की राजनीति में खलबली मचना स्वाभाविक है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है कि उनका अगला कदम क्या होगा?
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