mahashivratri Kyu Manayi Jati Hai: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि..कैसे हुई इस पर्व को मनाने की शुरुआत? जानें विभिन्न धार्मिक मान्यताएं और कथाएं

Mhashivratri Kyu Manayi Jati Hai: क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि..कैसे हुई इस पर्व को मनाने की शुरुआत? जानें विभिन्न धार्मिक मान्यताएं और कथाएं

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  • Publish Date - February 25, 2025 / 05:00 PM IST,
    Updated On - February 25, 2025 / 07:11 PM IST

Mahashivratri Kyu Manaya Jata Hai | Photo Credit: IBC24 Customize

HIGHLIGHTS
  • महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।
  • शिव भक्तों के लिए विशेष पूजा और व्रत का दिन।
  • महाशिवरात्रि का महत्व: शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए व्रत और पूजा।

नई दिल्ली: mahashivratri Kyu Manayi Jati Hai हर साल फाल्गुन मास में कृष्ण चतुर्दशी के दिन देशभर में महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। इस दिन भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं, शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं और पूरी रात भजन-कीर्तन करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जाएगी।

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mahashivratri Kyu Manayi Jati Hai महाशिवरात्रि का पर्व विशेष रूप से शिव भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि के रूप में मनाने की परंपरा है। इस दिन व्रत रखा जाता है और शिव जी की विशेष पूजा-अर्चना तथा अभिषेक किया जाता है। भक्तगण रातभर जागकर भोलेनाथ का स्मरण करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।

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शास्त्रों के मुताबिक, इस दिन भोलेनाथ की पूजा प्रदोष काल में 4 प्रहर की जाती है। महाशिवरात्रि के दिन देश भर के सभी 12 ज्योतिर्लिंगों समेत शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी रहती है। अब आपको महाशिवरात्रि के बारे में तो पता चल गया, लेकिन क्या आप जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर्व क्यों मनाया जाता है? अगर नहीं, तो चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि महाशिवरात्रि मनाने का मुख्य कारण क्या है।

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महाशिवरात्रि मनाने के पीछे विभिन्न धार्मिक मान्यताएं और कथाएं हैं, जिनमें प्रमुख हैं:

1. शिव-परवती का विवाह:

एक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। यह दिन उनके मिलन का प्रतीक है, और इसलिए इस दिन विशेष रूप से शिवजी की पूजा की जाती है।

2. तांडव रूप का दर्शन:

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने अपने तांडव रूप का प्रदर्शन किया था। इस दिन उन्हें ‘नटराज’ के रूप में पूजा जाता है, जो सृष्टि के निर्माण, पालन और संहार का कार्य करते हैं।

3. मील का पत्थर – समुद्र मंथन:

कई धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन ही समुद्र मंथन से भगवान शिव ने हलाहल विष पी लिया था, जिससे दुनिया को बचाया गया। इस विष को पीने के बाद भगवान शिव के गले में नीला रंग आ गया और उनका नाम “नीलकंठ” पड़ा।

4. रात्रि जागरण और ध्यान:

महाशिवरात्रि के दिन रात्रि में जागरण करना और शिव के मंत्रों का जाप करना अत्यंत पुण्यदायक माना जाता है। यह रात्रि मानसिक शांति और ध्यान की प्राप्ति के लिए आदर्श मानी जाती है।

5. पवित्रता और आत्मशुद्धि:

महाशिवरात्रि का व्रत व्यक्ति की आत्मशुद्धि और मानसिक शांति के लिए भी होता है। इस दिन शिवजी की उपासना से भक्त अपने अंदर की सभी नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मकता की ओर बढ़ते हैं।

महाशिवरात्रि का पर्व ना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से, बल्कि मानसिक और शारीरिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।

महाशिवरात्रि 2025 कब मनाई जाएगी?

महाशिवरात्रि 26 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।

महाशिवरात्रि का महत्व क्या है?

महाशिवरात्रि का पर्व शिव भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें व्रत रखा जाता है और भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

महाशिवरात्रि के दिन क्या विशेष पूजा की जाती है?

महाशिवरात्रि के दिन भक्त शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र चढ़ाते हैं, व्रत रखते हैं और रातभर भजन-कीर्तन करते हैं।

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