कृषि कानूनों से संबंधित समिति में ‘पूरी तरह’ स्वतंत्र व्यक्तियों को नियुक्त किया जाना चाहिये था : पवार

कृषि कानूनों से संबंधित समिति में 'पूरी तरह' स्वतंत्र व्यक्तियों को नियुक्त किया जाना चाहिये था : पवार

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  • Publish Date - January 14, 2021 / 01:02 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

मुंबई, 14 जनवरी (भाषा) राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने बृहस्पतिवार को कहा कि कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध को खत्म करने के लिये उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित समिति में ”पूरी तरह स्वतंत्र” व्यक्तियों को नियुक्त किया जाना चाहिये था ।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को नए कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाते हुए केन्द्र सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के बीच गतिरोध खत्म करने के लिये चार सदस्यीय समिति का गठन किया था।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि आंदोलनकारी किसानों को समिति पर विश्वास नहीं है क्योंकि यह कहा गया है कि इसके सदस्य पहले केन्द्र के नए कृषि कानूनों का समर्थन कर चुके हैं।

उन्होंने कहा, ”लिहाजा, किसानों को नहीं लगता कि समिति से चर्चा करके कोई हल निकलेगा। मैं उनसे सहमत हूं। यदि स्वतंत्र (वास्तविक रूप से स्वतंत्र) व्यक्तियों को नियुक्त किया जाता, तो बेहतर होता।”

पवार ने मंगलवार को कृषि कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगाने और समिति गठित करने के उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया था।

समिति में भारतीय किसान यूनियन, अखिल भारतीय किसान समन्वय समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भूपिन्दर सिंह मान, अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के दक्षिण एशिया के निदेशक डॉ प्रमोद कुमार जोशी, कृषि अर्थशास्त्री तथा कृषि उत्पाद लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व अध्यक्ष अशोक गुलाटी और शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट को शामिल किया गया है।

हालांकि बृहस्पतिवार को मान ने कहा कि वह ”किसान यूनियनों की भावनाओं और चिंताओं के मद्देनदर” खुद को समिति से अलग कर रहे हैं।

भाषा जोहेब उमा

उमा