Reported By: Apurva Pathak
,अयोध्या: UP News: सोशल मीडिया पर दोस्ती से शुरू हुई एक अनोखी प्रेम कहानी ने पुलिस को भी हैरान कर दिया। अयोध्या जनपद के खजुरहट क्षेत्र के युवक ने मुस्लिम युवती बनकर एक विवाहित मुस्लिम युवक को इंस्टाग्राम पर प्रेमजाल में फंसा लिया। कई महीनों तक खुद को पीड़िता बताकर फोन पर बात करता रहा और करीब 1.40 लाख रुपये की ठगी भी कर ली।
UP News: अयोध्या के खजुरहट क्षेत्र निवासी मनीष नामक युवक ने इंस्टाग्राम पर एक मुस्लिम युवती का फर्जी प्रोफाइल बनाकर गुजरात के साबरकांठा जिले के एक विवाहित मुस्लिम युवक से दोस्ती की। मनीष ने खुद को एक पीड़ित विवाहिता बताकर युवक से सहानुभूति और फिर प्रेम का नाटक शुरू किया। फोन पर मनीष लड़कियों जैसी आवाज निकालकर गुजराती युवक से घंटों बातें करता था। मनीष लड़कियों की आवाज़ निकालने में इतना माहिर था कि गुजरात निवासी युवक को कभी शक नहीं हुआ। जब मनीष ने पीछा छुड़ाने की कोशिश की, तो युवक ने मिलने की जिद की। मनीष ने बुर्का पहनकर अयोध्या में उससे मुलाकात की और साथ गुजरात जाकर शादी का नाटक रच डाला।
दोनों लखनऊ रेलवे स्टेशन से गुजरात के लिए रवाना हुए, लेकिन स्टेशन पर पहले से संदिग्ध बुर्का पहनने वाले व्यक्ति की तलाश कर रही जीआरपी ने मनीष को रोक लिया। पूछताछ में जब महिला पुलिस ने बुर्का हटवाया तो सबकी आंखें खुली रह गईं। मनीष ने पुलिस से रहम की गुहार की, जिसके बाद चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। ट्रेन के सफर में युवक को मनीष के व्यवहार से शक हुआ। करीब आने पर उसे सच्चाई पता चली। बहस के बाद मनीष ने माफी मांगी और पैसे लौटाने की बात मान ली। दोनों गुजरात के सांबरकांठा पहुंचे और वहीं साथ रहने लगे।
मनीष के घरवालों ने अयोध्या पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई कि उनका बेटा गुजरात में काम करता था और वहां एक मुस्लिम युवक ने उसे अगवा कर लिया है। परिजनों का आरोप था कि युवक 2.5 लाख रुपये की फिरौती मांग रहा है और किडनी निकालने की धमकी दे रहा है। मामला दो समुदायों से जुड़ा होने के चलते अयोध्या पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। एसपी डॉक्टर गौरव ग्रोवर के निर्देश पर टीम बनाई गई और गुजरात के पुलिस अधिकारियों से संपर्क किया गया। दोनों राज्यों की पुलिस के संयुक्त प्रयास से मनीष को ढूंढ निकाला गया। पूछताछ के दौरान पूरी सच्चाई सामने आई, जिससे पुलिस भी हैरान रह गई। बाद में दोनों पक्षों में आपसी सहमति बनी और पैसे की वापसी के बाद किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया गया।