यहां होती है अनोखी शादी, दूल्हा-दुल्हन के प्राइवेट पार्ट की पूजा करते हैं लोग, सालों से निभाई जा रही है ये परंपरा

यहां होती है अनोखी शादी, दूल्हा-दुल्हन के प्राइवेट पार्ट की पूजा करते हैं लोगः People worship bride and groom's private part on wedding stage

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  • Publish Date - September 16, 2022 / 08:57 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 09:01 PM IST

bride run away with lover in marriage day

Bride and groom’s private part worship शादी हर धर्म के लोगों के लिए खास महत्व रखती है. यही कारण है कि दुनियाभर में इसे लेकर कई तरह के रीति-रिवाज और रस्में निभाई जाती हैं. हालांकि, कई बार ऐसा भी देखने को मिलता है जब ये रस्में आम जन के लिए परेशानी का सबब बन जाती हैं. जिस तरह भारत में शादियों के लिए अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसी परंपरा के बारे में बता रहे हैं जिसे जानने के बाद आप भी हैरान हो जाएंगे। भारत में एक ऐसी जगह है जहां वर-वधू के प्राइवेट पार्ट की पूजा कर संतान प्राप्ति और वैवाहिक की समृद्धि की कामना की जाती है। यह आयोजन राजस्थान के पाली से 25 किमी दूरी बूसी कस्बे में होता है।

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Bride and groom’s private part worship दरअसल, इस कस्बे में मौजीराम जी और मौजनी देवी का एक प्राचीन मंदिर है। इस इलाके में यह मान्यता है कि मौजीराम भगवान शिव के और मौजनी मां पार्वती की अवतार हैं। धुलंडी पर दोनों की शादी कराई जाती है लेकिन इसकी तैयारी कस्बे में महाने पहले से शुरू हो जाती है। अनोखी शादी में शामिल होने के लिए हजारों लोग बाहर से आते हैं। आम शादियों के जैसे कार्ड भी छपता है। इसे कस्बे के हर घर में बांटे जाते हैं। परंपरा के अनुसार गांव के बड़े-बुजुर्गों को पीले चावल वाला कार्ड दिया जाता है। सारी रस्में पूरी होने के बाद दोनों के सात फेरे होते हैं। फेरों के बाद सुहागरात पर दोनों का मिलन करवाया जाता है। फिर महाप्रसाद का वितरण होता है और बारात वापस लौट जाती है। मान्यता है कि यहां मौजीराम और मौजनी सुहागरात के बाद बिछड़ जाते हैं।

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प्राइवेट पार्ट की पूजा

इस शादी में वर-वधू के प्राइवेट पार्ट की पूजा भी की जाती है। पूजा कर लोग संतान प्राप्ति की मांग करते हैं। साथ ही वैवाहिक जीवन में समृद्धि की कामना करते हैं। बीच में इस परंपरा को अश्लील होने की वजह से बंद कर दिया गया था। मगर गांव में कुछ अनिष्ट हो गया है। इसके बाद फिर से शुरू हो गई है। गांव के लोगों का मानना है, इस शादी में गीतों को जरिए सेक्स एजुकेशन की शिक्षा दी जाती है।

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दी जाती हैं गालियां

इसके अलावा इस शादी में दूल्हे का स्वागत गालियां देकर किया जाता है। यहां पहले मौजीराम की प्रतिमा की रीति-रिवाज के साथ पूजा की जाती है। उसके बाद उनके प्राइवेट पार्ट को सजाया जाता है। उसके बाद मौजीराम को गांव के युवक अपने कंधे पर बिठाते हैं इस दौरान गालियों के शोर के साथ बिंदौली निकाली जाती है। इसके बाद उस प्रतिमा को पूरी तरह से सजाया जाता है। यहां से नाचते गाते हुए दू्ल्हा बने मौजीराम, दुल्हन मौजनी देवी के घर पहुंचते हैं। इस दौरान महिलाएं फूल बरसा कर उनका स्वागत करती हैं औऱ इस दौरान गालियां भी देती हैं। गालियां गानों के माध्यम से दी जाती हैं।