Today History: गुरु गोविंद सिंह का शहीद दिवस

Today History: गुरु गोविंद सिंह का शहीद दिवस

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  • Publish Date - October 7, 2020 / 05:18 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 04:19 PM IST

रायपुर। सिखों के दसवें गुरू गोविंद सिंह का आज शहीदी दिवस है। गुरू गोविंद सिंह ने मुगलों के सामने कभी घुटने नहीं टेके। गोविंद सिंह ने सिखों के लिए खालसा पंथ की स्थापना की। वाहे गुरुजी दा खालसा त, वाहे गुरुजी की फतेह ..आप की ही देन है । सन 1708 में 7 अक्टूबर को वे मुंगलों से लड़ाई में शहीद हुए थे ।

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सिखों के दसवें और अंतिम गुरु गुरु गोविंद सिंह जी ऐसे वीर संत थे, जिनकी मिसाल दुनिया के इतिहास में कम ही मिलती है। उन्होंने मुगलों के जुल्म के सामने कभी भी घुटने नहीं टेके।

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वाहे गुरु जी का खालसा, वाहे गुरु जी की फतेह और सवा लाख से एक लड़ाऊं, चिड़ियन ते मैं बाज तुड़ाऊं, तबै गुरु गोबिंद सिंह नाम कहाऊं जैसे वाक्य गुरु गोविंद सिंह की वीरता को बयां करते हैं। 15वीं सदी में गुरु नानक ने सिख पंथ की स्थापना की। गोविंद सिंह जी के पिता गुरु तेग बहादुर भी इस पंथ के गुरु थे।

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गुरु गोविंद सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की थी। आनंदपुर साहिब में वैशाखी के अवसर पर एक धर्मसभा के दौरान उन्होंने पंच प्यारों को चुना। उनके ही निर्देश पर सिखों के लिए खालसा पंथ के प्रतीक के तौर पर केश, कंघा, कृपाण, कच्छ और कड़ा अनिवार्य हुआ।