Bilaspur High Court News: अब इन स्कूलों में नहीं मिलेगा एडमिशन, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बच्चों के भविष्य को लेकर जताई चिंता

Bilaspur High Court News: अब इन स्कूलों में नहीं मिलेगा एडमिशन, हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, बच्चों के भविष्य को लेकर जताई चिंता

Bilaspur High Court News | Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • हाईकोर्ट का बड़ा फैसला,
  • गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में अब नहीं मिलेगा एडमिशन,
  • बच्चों के भविष्य को लेकर जताई चिंता

बिलासपुर: Bilaspur High Court News: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाया है,जिसमें गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में छात्रों के एडमिशन पर रोक लगा दी गई है। मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा व न्यायाधीश रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी ने निःशुल्क बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रस्तुत जनहित याचिका में सुनवाई करते हुए नए शैक्षणिक सत्र में प्रवेश लेने वालों छात्र छात्राओं के हित में एक अहम आदेश पारित किया है।

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Bilaspur High Court News:शुक्रवार को हुई इस सुनवाई में शपथ पत्र में दी गई जानकारी में 28 स्कूलों में मान्यता और ऑडिट से जुड़ी गड़बड़ियों की जानकारी दी गई है,जिसकी इंक्वारी की जा रही है। इस मामले में कोर्ट ने पूछा की इन गैर मान्यता प्राप्त और गड़बड़ियां वाले स्कूलों पर क्या एक्शन लिया गया है..? जिस पर अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि इसपर जांच जारी है और एक स्कूल पर 50000 का जुर्माना भी लगाया गया है। अन्य स्कूलों की जांच जारी है जिस पर हाईकोर्ट की बेंच ने में गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ाई कर रहे बच्चों के भविष्य को लेकर भी सवाल पूछे और यह कहा कि इन सब में बच्चों का क्या दोष है..? बेंच ने यह कहा कि बच्चों को इन स्कूलों से हटाया नहीं जाएगा। वहीं गैर मान्यता स्कूल में प्रवेश पर रोक लगाई जानी चाहिए।

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Bilaspur High Court News: उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ शासन के शिक्षा विभाग के सचिव को यह भी निर्देशित किया है कि इस संबंध में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत कर न्यायालय को अवगत करावें। प्रकरण में आगे सुनवाई करते हुए याचिकाकर्ता सी.वी. भगवंत राव की ओर से उच्च न्यायालय की खण्डपीठ को अवगत कराया कि प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन ने सन् 2022 में याचिका प्रस्तुत कर उच्च न्यायालय के एकलपीठ से अंतरिम राहत प्राप्त किया है, जिसमें राज्य शासन प्राईवेट स्कुल ऐसोशिएसन द्वारा संचालित स्कुलों को बाजार में उपलब्ध निजी पुस्तकों का उपयोग करने के लिए राज्य नही रोकेगी उक्त आदेश के बाद प्राईवेट स्कूल एसोशिएशन ने अभिभावकों को अत्यधिक मंहगे निजी पब्लिकेशन के पुस्तकों को क्रय करने का दबाव बना रहे है जिससे अभिभावकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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Bilaspur High Court News: उपरोक्त तथ्यों को अपने संज्ञान में लेते हुए हाइकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने निःशुल्क बाल शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्रस्तुत जनहित याचिका के साथ शामिल करते हुए सुनवाई करने का आदेश दिया और मामले की अगली सुनवाई 05 अगस्त 2025 निर्धारित की है।

"गैर मान्यता प्राप्त स्कूल" में बच्चों का एडमिशन अब बंद हो गया है क्या?

जी हां, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि नए शैक्षणिक सत्र में किसी भी गैर मान्यता प्राप्त स्कूल में छात्रों का एडमिशन नहीं लिया जाएगा।

जो बच्चे पहले से "गैर मान्यता प्राप्त स्कूल" में पढ़ रहे हैं, उनका क्या होगा?

कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे बच्चों को स्कूल से हटाया नहीं जाएगा। उनके भविष्य का ध्यान रखते हुए पढ़ाई जारी रहेगी।

"गैर मान्यता प्राप्त स्कूल" के खिलाफ सरकार ने क्या कार्रवाई की है?

शिक्षा विभाग द्वारा जांच जारी है। एक स्कूल पर ₹50,000 का जुर्माना लगाया गया है, और अन्य स्कूलों पर कार्रवाई प्रक्रिया में है।

क्या "गैर मान्यता प्राप्त स्कूल" महंगी किताबें बेचने पर भी कार्रवाई की जाएगी?

जी हां, कोर्ट ने इस मामले को भी जनहित याचिका में शामिल किया है और निजी पब्लिकेशन की महंगी किताबें थोपने पर चिंता जताई है। अगली सुनवाई 5 अगस्त 2025 को होगी।

कैसे पता करें कि कोई स्कूल "गैर मान्यता प्राप्त स्कूल" की श्रेणी में आता है या नहीं?

आप शिक्षा विभाग या जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) से संपर्क कर सकते हैं, जहां मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची उपलब्ध होती है।