CM Vishnudeo Sai News: सीएम विष्णुदेव साय विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन में हुए शामिल, कहा – भारतीय संस्कृति की आत्मा है संस्कृत, हमें इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना होगा

CM Vishnudeo Sai News: सीएम विष्णुदेव साय विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन में हुए शामिल, कहा - भारतीय संस्कृति की आत्मा है संस्कृत

  •  
  • Publish Date - September 7, 2025 / 07:38 PM IST,
    Updated On - September 7, 2025 / 07:38 PM IST

CM Vishnudeo Sai News/ Image Credit: CG DPR

HIGHLIGHTS
  • सीएम विष्णुदेव साय विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन में हुए शामिल।
  • सीएम साय ने कहा - भारतीय संस्कृति की आत्मा है संस्कृत, हमें इसे नई पीढ़ी तक पहुँचाना होगा।
  • संस्कृत हमारी विरासत का आधार, इसे संरक्षित करना सबकी जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री

रायपुर: CM Vishnudeo Sai News: भारतीय संस्कृति की आत्मा संस्कृत में निहित है, जो हमें विश्व पटल पर एक विशिष्ट पहचान प्रदान करती है। संस्कृत भाषा व्याकरण, दर्शन और विज्ञान की नींव है, जो तार्किक चिंतन को बढ़ावा देती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर के संजय नगर स्थित सरयूपारीण ब्राह्मण सभा भवन में आयोजित विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी प्रासंगिक और उपयोगी है। संस्कृत भाषा और साहित्य हमारी विरासत का आधार हैं, जिन्हें हमें संरक्षित और संवर्धित करना चाहिए।

यह भी पढ़ें: CG Weather Update: राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, यहां जानें अपने इलाके का हाल 

सरयूपारीण ब्राह्मण सभा को सीएम ने दी शुभकामनाएं

CM Vishnudeo Sai News: मुख्यमंत्री साय ने कहा कि, देववाणी संस्कृत पर चर्चा के साथ यह सम्मेलन भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्र को सुदृढ़ बनाने का एक महान प्रयास है। मुख्यमंत्री साय ने संस्कृत भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ और सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की तथा उन्हें बधाई और शुभकामनाएँ दीं।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आधुनिक शिक्षा में संस्कृत भाषा को शामिल करने से विद्यार्थियों का बौद्धिक विकास सुनिश्चित होगा। संस्कृत में वेद, उपनिषद और पुराण जैसे ग्रंथों का विशाल भंडार है, जो दर्शन, विज्ञान और जीवन-मूल्यों का संदेश देते हैं। वेदों में वर्णित आयुर्वेद, गणित और ज्योतिष आज भी प्रासंगिक हैं और शोध का विषय हो सकते हैं। इन ग्रंथों में कर्म, ज्ञान और भक्ति के सिद्धांत स्पष्ट रूप से प्रतिपादित हैं, जो आधुनिक जीवन में शांति और संतुलन ला सकते हैं।ऐसे में संस्कृत शिक्षा आधुनिक युग में भी उतनी ही प्रासंगिक और उपयोगी है।

Image Credit: CG DPR

यह भी पढ़ें: CG Weather Update: राजधानी रायपुर समेत कई जिलों में होगी भारी बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट, यहां जानें अपने इलाके का हाल 

युवाओं को करना होगा प्रेरित: सीएम साय

CM Vishnudeo Sai News: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि वेदों और उपनिषदों के ज्ञान को अपनाकर हम अपनी विरासत को संजोने के साथ-साथ अपने जीवन को भी समृद्ध बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमें युवाओं को संस्कृत साहित्य से जोड़ने के लिए प्रेरित करना होगा, ताकि वे इस ज्ञान को नई पीढ़ी तक पहुँचा सकें।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि तकनीक के माध्यम से संस्कृत शिक्षा को आकर्षक और प्रासंगिक बनाया जा सकता है। राज्य में संस्कृत विद्वानों और शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी से इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने आह्वान किया कि इस सम्मेलन के माध्यम से हमें संस्कृत विद्या के प्रचार-प्रसार और अगली पीढ़ी को जोड़ने का संकल्प लेना चाहिए।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री साय ने सरयूपारीण ब्राह्मण सभा, छत्तीसगढ़ के प्रचार पत्रक का विमोचन भी किया। विराट संस्कृत विद्वत्-सम्मेलन का आयोजन संस्कृत भारती छत्तीसगढ़ एवं सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

Image Credit: CG DPR

यह भी पढ़ें: CG News: नहीं थम रहे छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामले, इन दो जिलों में प्रार्थना सभा की आड़ में किया जा रहा था धर्म परिवर्तन, 24 लोग पुलिस हिरासत में

छत्तीसगढ़ी भाषा का संस्कृत से सीधा संबंध : डॉ. दादू भाई त्रिपाठी

CM Vishnudeo Sai News: सम्मेलन को संबोधित करते हुए संस्कृत भारती के प्रांताध्यक्ष डॉ. दादू भाई त्रिपाठी ने कहा कि इतिहास में ऐसे अनेक प्रमाण मिलते हैं, जिनसे सिद्ध होता है कि एक समय संस्कृत जनभाषा के रूप में प्रचलित थी। छत्तीसगढ़ी भाषा का संस्कृत से सीधा संबंध है। छत्तीसगढ़ी में पाणिनि व्याकरण की कई धातुओं का सीधा प्रयोग होता है। उन्होंने यह भी बताया कि सरगुजा क्षेत्र में सर्वाधिक आदिवासी विद्यार्थी संस्कृत की शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में सरयूपारीण ब्राह्मण समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया। इनमें गठिया रोग विशेषज्ञ डॉ. अश्लेषा शुक्ला, उत्कृष्ट तैराक श्री अनन्त द्विवेदी तथा पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला शामिल थे।

यह भी पढ़ें: Manendragarh Crime News: युवक की हत्या करने वाले 9 आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार, 2 नाबालिग भी है शामिल 

सम्मेलन को दंडी स्वामी डॉ. इंदुभवानंद महाराज, सरयूपारीण ब्राह्मण सभा छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला और अखिल भारतीय संस्कृत भारती शिक्षण प्रमुख डॉ. श्रीराम महादेव ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर डॉ. सतेंद्र सिंह सेंगर, अजय तिवारी, बद्रीप्रसाद गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संस्कृत शिक्षकगण, सामाजिक प्रतिनिधि और गणमान्यजन उपस्थित थे।