Preparations to made for 2023 elections on pretext of Khairagarh by-election

मिशन-23, एजेंडा तय.. काम शुरू! खैरागढ़ उपचुनाव के बहाने बजा 2023 का बिगुल?

छत्तीसगढ़ में भले ही चुनाव डेढ़ साल बाद हो लेकिन उससे पहले ही पार्टियों के बीच जोर आजमाइश शुरु हो गई है। खैरागढ़ उपचुनाव के जरिए सियासी दलों का लिटमस टेस्ट होना है। लिहाजा सत्तारुढ़ कांग्रेस हो या फिर बीजेपी या फिर प्रदेश में थर्ड फ्रंट बनने की कोशिश में जुटी जेसीसीजे। सभी अपनी ताकत और कमजोरियों को परखने की कोशिश में जुटे हैं।

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : March 25, 2022/11:11 pm IST

(रिपोर्टः राजेश मिश्रा, सौरभ सिंह परिहार) रायपुरः प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव भले अगले साल हो लेकिन कांग्रेस और बीजेपी अभी से एक्शन में दिख रहे हैं। 12 अप्रैल को होने वाले खैरागढ़ उपचुनाव को सत्ता का सेमीफाइनल माना जा रहा है। इसके बहाने पार्टियां 2023 से पहले अपनी ताकत और कमजोरियों को परखने की कोशिश करेगी। खैरागढ़ में फिलहाल JCCJ का कब्जा है, जिसके लिए अब बीजेपी और कांग्रेस में कड़ी टक्कर है। भले यहां हार-जीत के नतीजों से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। लेकिन जनता का मूड क्या है? ये संदेश जरूर मिल जाएगा। अब सवाल है कि खैरागढ़ उपचुनाव के बहाने प्रदेश में 2023 का बिगुल बज गया है।

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छत्तीसगढ़ में भले ही चुनाव डेढ़ साल बाद हो लेकिन उससे पहले ही पार्टियों के बीच जोर आजमाइश शुरु हो गई है। खैरागढ़ उपचुनाव के जरिए सियासी दलों का लिटमस टेस्ट होना है। लिहाजा सत्तारुढ़ कांग्रेस हो या फिर बीजेपी या फिर प्रदेश में थर्ड फ्रंट बनने की कोशिश में जुटी जेसीसीजे। सभी अपनी ताकत और कमजोरियों को परखने की कोशिश में जुटे हैं। सत्तारूढ़ कांग्रेस की बात करें तो सरकार और संगठन दोनों ही चुनावी मोड में है। सदस्यता अभियान से लेकर कांग्रेस संगठन राज्य सरकार की योजनाओं को जन-जन तक ले जाने का काम कर रही है तो वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी योजनाओं की जमीनी हालत की रिपोर्ट लेने अगले महीने से पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे।

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दूसरी ओर सत्ता में 15 साल काबिज रही बीजेपी भी खैरागढ़ उपचुनाव के बहाने मिशन 2023 के लिए हर स्तर पर मेहनत शुरू कर दी है। प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी से लेकर कई राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी लगातार छत्तीसगढ़ का दौरा कर रहे है। खासकर बस्तर और सरगुजा जहां बीजेपी के एक भी विधायक नहीं है। वहां पार्टी को मजूबत करने नई रणनीति तैयार की जा रही है। हालांकि उत्तरप्रदेश समेत चार राज्यों में सरकार बनाने के बाद उत्साहित बीजेपी संगठन का भी छत्तीसगढ़ पर फोकस है। आगामी महीनों में संगठन और केन्द्रीय नेताओं का दौरा होने वाला है। बीजेपी का कहना है कि 2023 में 15 साल में विकास कार्य बनाम कांग्रेस की वादाखिलाफी का मुद्दा रहेगा।

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बहरहाल खैरागढ़ उपचुनाव और 2023 चुनाव के लिए कांग्रेस की तैयारी बीजेपी से ज्यादा दिखती है। 2018 के बाद हुई तीनों उपचुनाव में कांग्रेस की जीत हुई है। कांग्रेस खैरागढ़ में भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है। जबकि बीजेपी हाल ही में हुए खैरागढ़ नगर पालिका चुनाव में कांग्रेस के साथ बराबरी पर थी। इसलिए वो भी जीत की उम्मीद लिए पूरी ताकत झोंक दी है। 16 अप्रैल को जब खैरागढ़ का परिणाम आएगा तो साफ हो जाएगा कि जनता का मूड क्या है। लेकिन ये तो तय है कि छत्तीसगढ़ में मिशन 2023 के लिए एजेंडा फिक्स हो चुका है और उन्हें अंजाम तक पहंचाने काम भी शुरू हो चुका है।