दिल्ली उच्च न्यायालय ने शादी की समान उम्र करने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय को भेजी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शादी की समान उम्र करने संबंधी याचिका उच्चतम न्यायालय को भेजी

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  • Publish Date - January 31, 2023 / 02:56 PM IST,
    Updated On - January 31, 2023 / 02:56 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने लड़के और लड़कियों दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने का अनुरोध करने वाली याचिका मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के पास भेज दी।

याचिकाकर्ता ने मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रह्मण्यम प्रसाद की पीठ को उच्चतम न्यायालय के 13 जनवरी के आदेश के बारे में बताया जिससे मौजूदा याचिका उच्चतम न्यायालय को स्थानांतरित कर दी गयी।

पीठ ने कहा, ‘‘उक्त आदेश के आलोक में, मामला तत्काल उच्चतम न्यायालय को स्थानांतरित किया जाता है। रजिस्ट्री को फौरन रिकॉर्ड उच्चतम न्यायालय के पास भेजने का निर्देश दिया जाता है।’’

उच्चतम न्यायालय ने 13 जनवरी को वकील तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका खुद अपने पास स्थानांतरित करा ली थी। यह याचिका दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित थी जिसमें पुरुषों तथा महिलाओं के लिए शादी की कानूनी उम्र समान करने का अनुरोध किया गया है।

केंद्र ने पहले उच्च न्यायालय को बताया था कि मातृत्व की उम्र में प्रवेश करने वाली लड़कियों की न्यूनतम उम्र के मुद्दे का अध्ययन करने के लिए एक कार्य बल गठित किया गया है।

उच्च न्यायालय ने इस याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र सरकार को वक्त दिया था। याचिका में कहा गया है कि लड़कियों की शादी करने की 18 वर्ष की न्यूनतम उम्र सीमा ‘‘बेहद भेदभावपूर्ण’’ है।

भारत में पुरुषों की शादी करने की न्यूनतम उम्र सीमा 21 साल है।

याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत दिए समानता के अधिकार से जुड़ा मामला है।

भाषा

गोला नरेश

नरेश