नयी दिल्ली, 30 दिसंबर (भाषा) दिल्ली पुलिस ने स्टॉक ट्रेडिंग वाले एक फर्जी ऐप के जरिए संचालित हो रहे साइबर धोखाधड़ी गिरोह का भंडाफोड़ किया है और एक महिला से 22.7 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में हरियाणा से दो लोगों को पकड़ा है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
डॉ. अमिता गर्ग द्वारा 13 नवंबर को दर्ज कराई गई शिकायत के बाद जांच शुरू हुई। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि उसे ‘स्टैन चार्ट डायलॉग फोरम एल7’ नामक एक मैसेजिंग ऐप समूह में जोड़ा गया था जहां इसे चलाने वाले डी-मैट शेयर निवेश पर सलाह साझा करते थे।
डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम ने बताया कि समूह की एक एडमिन ने अपना नाम यालिनी गुना बताया और उसने पीड़िता को एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से निवेश करने के लिए राजी किया व इसे डाउनलोड करने का एक लिंक साझा किया।
शिकायतकर्ता ने शुरुआत में कई लेन-देनों के माध्यम से लगभग 2.7 लाख रुपये का निवेश किया। हालांकि एप्लिकेशन पर लाभ दिखाई दे रहा था, लेकिन जब पीड़िता ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की तो उस पर और अधिक निवेश करने का दबाव डाला गया। पुलिस ने बताया कि कुल मिलाकर उसने 22.70 लाख रुपये हस्तांतरित किए, जिसके बाद उसे ऐप से ब्लॉक कर दिया गया।
भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत ई-प्राथमिकी दर्ज की गई।
उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने एनआरसीपी पोर्टल के माध्यम से धन के लेन-देन का पता लगाया और हिसार निवासी समीर के बैंक खाते का पता लगाया। कॉल डिटेल रिकॉर्ड के विश्लेषण से अन्य संदिग्ध नंबरों का भी मामले से संबंध सामने आया।
अधिकारियों ने बताया कि 10 नवंबर को पुलिस टीम ने हिसार में छापेमारी करके समीर (22) और देव सिंह (22) को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान समीर ने पांच से छह बैंक खाते खोलने और उन्हें देव सिंह को 4,000 रुपये प्रति खाते के भुगतान पर सौंपने की बात स्वीकार की।
उनके पास से दो मोबाइल फोन और तीन सिम कार्ड जब्त किए गए। दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़ितों से सोशल मीडिया पर संपर्क करके उन्हें भारी मुनाफे का लालच देते थे। जालसाज झूठे मुनाफे दिखाकर लोगों का भरोसा जीतते हैं और फिर बड़ी रकम हड़प लेते हैं।
उन्होंने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान करने और अपराध से प्राप्त शेष धनराशि का पता लगाने के लिए जांच जारी है। भाषा
शुभम नरेश
नरेश