लेह, 28 दिसंबर (भाषा) लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने रविवार को स्थानीय समुदायों के लिए समावेशी, दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करते हुए क्षेत्र के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा के लिए टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन को बढ़ावा देने का आह्वान किया।
गुप्ता ने कहा कि पर्यटन लद्दाख के आर्थिक विकास का एक प्रमुख स्तंभ है, जो आतिथ्य, परिवहन, हस्तशिल्प और पर्यावरण-पर्यटन जैसे संबद्ध क्षेत्रों को मजबूत करते हुए स्थानीय समुदायों के लिए आजीविका सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
वह ‘संगम प्वॉइंट’ की अपनी यात्रा के दौरान बोल रहे थे। यह श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर लेह से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित लद्दाख के सबसे प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
यह स्थान सिंधु और जांस्कर नदियों के भव्य संगम को दर्शाता है और दुनिया भर में इस बात के लिए प्रसिद्ध है कि कैसे सिंधु का नीला जल और जांस्कर का मटमैला हरा-भूरा पानी मिलकर एक विशाल और मनोहारी नदी का रूप ले लेता है।
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘लद्दाख के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा करने और क्षेत्र एवं इसके लोगों के लिए समावेशी, दीर्घकालिक लाभ सुनिश्चित करने के वास्ते टिकाऊ और जिम्मेदार पर्यटन प्रथाओं को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।’’
उन्होंने संगम स्थल को प्रकृति का अद्भुत चमत्कार और लद्दाख पर्यटन का प्रमुख आकर्षण बताते हुए कहा कि ऐसे स्थल घरेलू और विदेशी पर्यटकों के बीच क्षेत्र की आकर्षक छवि को काफी बढ़ाते हैं।
गुप्ता ने कहा कि 2019 में लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिए जाने के बाद से प्रमुख क्षेत्रों में केंद्रित और त्वरित विकास हुआ है, जिसमें पर्यटन एक प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में उभरा है।
भाषा तान्या सुरेश
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