Samvida Karmchari Niyamitikaran Update: पूरी हुई संविदा कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग, हाईकोर्ट ने दिया नियमित करने का आदेश

पूरी हुई संविदा कर्मचारियों की वर्षों पुरानी मांग, Samvida Karmachari Niyamitikaran Update: Regularization Order Issued By High Court

  •  
  • Publish Date - July 9, 2024 / 01:06 PM IST,
    Updated On - July 9, 2024 / 01:06 PM IST

Samvida Karmchari Niyamitikaran Update

शिमलाः Samvida Karmchari Niyamitikaran Update सरकारी विभागों में बड़ी संख्या में कर्मचारी संविदा के आधार पर काम करते हैं। इन्हें नियमित करने के वादे तो किए जाते हैं, लेकिन इसे अमल में लाते-लाते कई वर्ष बीत जाते हैं। इसके बाद भी संविदा कर्मचारी नियमित नहीं हो पाते हैं। इसी बीच अब हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्रदेश के बिल आधारित कर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है। कोर्ट ने बिल आधारित कर्मियों को भी डेली वेजर्स की तरह नियमित करने के आदेश दिए हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद से बिल आधारित कर्मियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। एक-दूसरे को बधाई दे रहे हैं।

Read More : Zika Virus: मानसून के बीच बढ़ता जा रहा जीका वायरस का खतरा, 3 और नए मामले आए सामने, लोगों में फैली दहशत

Samvida Karmchari Niyamitikaran Update दरअसल, बिल आधारित कर्मचारियों ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में अपने नियमितीकरण को लेकर याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अजय मोहन गोयल ने राम सिंह के मामले में दिए अपने निर्णय में कहा कि प्रतिवादी वन विभाग अब दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और बिल आधार पर काम करने वाले कर्मचारी के बीच जो अंतर पैदा कर रहा है, वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। हाईकोर्ट ने कहा दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी हो या बिल आधारित कर्मचारी, वह विभाग को एक जैसी सेवा दे रहे हैं। इसलिए, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी और बिल बेस कर्मचारी के बीच विभाग द्वारा जो वर्गीकरण किया गया है, वह भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 की कसौटी पर खरा नहीं उतर सकता। राज्य सरकार की दिनांक 22.04.2020 की नीति के अनुसार नियमितीकरण के अधिकार से प्रार्थी को केवल इस आधार पर इनकार नहीं किया जा सकता है कि अब उसका नामकरण दैनिक वेतनभोगी नहीं, बल्कि बिल बेस कर्मचारी है। यदि याचिकाकर्ता नियमितीकरण के मानदंडों को पूरा करता है, तो, उसे भी नियमितीकरण प्राप्त करने का अधिकार है और इसे केवल उस नामकरण के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता है, जो अब प्रतिवादी द्वारा उसे सौंपा गया है।

Read More : Kanwar Yatra ke Niaym: कांवड़ यात्रा के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, वरना नाराज हो जाएंगे भोलेबाबा 

प्रार्थी और प्रार्थी की तरह कार्य करने वाले कर्मियों के मामले में विभाग की ओर से हालांकि दो बार नियमितीकरण करने बाबत स्क्रीनिंग की गई। हर वर्ष 240 दिनों से अधिक कार्य करने के बावजूद उन्हें नियमित नहीं किया गया। अंततः प्रार्थी को हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल करनी पड़ी। जिस पर यह अहम निर्णय आया है। हाईकोर्ट ने वन विभाग को निर्देश दिए कि वह प्रार्थी को राज्य सरकार की दिनांक 22।04।2020 की नियमितीकरण नीति के अनुसार छह सप्ताह की अवधि के भीतर वर्क चार्ज/नियमितीकरण प्रदान करें। हालांकि, प्रार्थी को दिए जाने वाले वित्तीय लाभ याचिका दायर करने की तारीख से तीन साल तक सीमित रहेंगे।

देश दुनिया की बड़ी खबरों के लिए यहां करें क्लिक

Follow the IBC24 News channel on WhatsApp

खबरों के तुरंत अपडेट के लिए IBC24 के Facebook पेज को करें फॉलो