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Education Department Report: नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने भारत में स्कूली शिक्षा पर एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली प्लस (यूडीआईएसई प्लस) 2024-25 पर एक विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। यूडीआईएसई प्लस आरंभ किये जाने के बाद से, किसी शैक्षणिक वर्ष में पहली बार, 2024-25 में शिक्षकों की कुल संख्या एक करोड़ के आंकड़े को पार कर गई है। शिक्षकों की संख्या में यह बढ़ोतरी छात्र-शिक्षक अनुपात में सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने और शिक्षकों की उपलब्धता में क्षेत्रीय असमानता दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वर्ष 2022-23 से और उल्लेखित वर्ष (रिपोर्टिंग वर्ष) में यह संख्या लगातार बढ़ रही है। वर्ष 2022-23 की तुलना में मौजूदा वर्ष के दौरान शिक्षकों की संख्या में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में शिक्षकों की संख्या का तुलनात्मक विवरण निम्नलिखित तालिका में प्रस्तुत है।
शिक्षकों की संख्या
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| शिक्षक | 94,83,294 | 98,07,600 | 1,01,22,420 |
बेहतर छात्र शिक्षक अनुपात (पीटीआर)
फाउंडेशनल (मूलभूत), प्रिपरेटरी (प्रारंभिक), मिडिल (मध्य) और सेकेंडरी (माध्मिक) स्तरों पर छात्र-शिक्षक अनुपात (पीटीआर) अब क्रमशः 10, 13, 17 और 21 है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुशंसित 1:30 के अनुपात से काफ़ी बेहतर है। बढ़ा हुआ छात्र-शिक्षक अनुपात शिक्षकों और छात्रों के बीच अधिक व्यक्तिगत ध्यान और मज़बूत अंतःक्रिया को सुगम बनाता है, जिससे बेहतर शिक्षण अनुभव और बेहतर शैक्षणिक परिणाम प्राप्त होते हैं।
व्यक्ति शिक्षक अनुपात
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
| छात्र-शिक्षक अनुपात
(संख्या) |
मूलभूत | 11 | 10 | 10 |
| प्रारंभिक | 14 | 13 | 13 | |
| मध्य | 18 | 18 | 17 | |
| माध्यमिक | 23 | 21 | 21 | |
स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या में कमी (ड्रॉप आउट दरों में कमी)
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में पिछले दो वर्षों 2022-23 और 2023-24 की तुलना में प्रारंभिक, मध्य और माध्यमिक स्तरों पर स्कूल छोड़ने की दर में उल्लेखनीय कमी आई है। प्रारंभिक चरण में, यह दर पिछले वर्ष की तुलना में 3.7 प्रतिशत से घटकर 2.3 प्रतिशत, मध्य चरण में 5.2 प्रतिशत से घटकर 3.5 प्रतिशत और माध्यमिक स्तर पर 10.9 प्रतिशत से घटकर 8.2 प्रतिशत हो गई है। गिरावट का यह रुझान बेहतर छात्र प्रतिधारण दर्शाता है और बच्चों को उनकी शिक्षा चर्या में पूर्ण संलग्नता के उद्देश्य पहल की सफलता को दिखाता है। सभी स्तरों पर लगातार इसमें आई कमी से पता चलता है कि स्कूल छात्रों की आवश्यकताओं के प्रति अधिक सहायक और उत्तरदायी हो रहे हैं। इससे उन्हें स्कूली शिक्षा से जल्द निकलने से रोकने में मदद मिल रही है। पिछले तीन वर्षों का तुलनात्मक विवरण नीचे प्रस्तुत है।
ड्रॉपआउट दर
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
| ड्रॉपआउट दर (प्रतिशत) | प्रारंभिक | 8.7 | 3.7 | 2.3 |
| मध्य | 8.1 | 5.2 | 3.5 | |
| माध्यमिक | 13.8 | 10.9 | 8.2 | |
बेहतर छात्र प्रतिधारण (बनाए रखने) दर
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 ने सभी शैक्षिक स्तरों – फाउंडेशनल (मूलभूत), प्रिपरेटरी (प्रारंभिक), मिडिल (मध्य) और सेकेंडरी (माध्मिक) – में छात्र प्रतिधारण में सकारात्मक रुझान दिखा है। पिछले वर्ष की तुलना में स्कूलों में बच्चों को बनाए रखने की दर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जो फाउंडेशनल स्तर पर 98.0 प्रतिशत से बढ़कर 98.9 प्रतिशत, प्रिपरेटरी स्तर पर 85.4 प्रतिशत से 92.4 प्रतिशत, मिडिल स्तर पर 78.0 प्रतिशत से 82.8 प्रतिशत और सेकेंडरी स्तर पर 45.6 प्रतिशत से 47.2 प्रतिशत हो गई है। इस सुधार में प्रमुख योगदान कारकों में से विशेष रूप से माध्यमिक शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों की संख्या में वृद्धि है। इसकी व्यापकता से सुलभता बढ़ी है और विद्यार्थी निरंतर नामांकन के लिए प्रोत्साहित हुए हैं। कुल मिलाकर, बढ़ती प्रतिधारण दरें शिक्षा प्रणाली में प्रगति के मजबूत संकेतक हैं और लक्षित उद्देश्यों के प्रभाव को दर्शाती हैं।
बेहतर प्रतिधारण दर
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
| प्रतिधारण दर (प्रतिशत) | मूलभूत | 92.1 | 98.0 | 98.9 |
| प्रारंभिक | 90.9 | 85.4 | 92.4 | |
| मध्य | 75.8 | 78.0 | 82.8 | |
| माध्यमिक | 44.1 | 45.6 | 47.2 | |
बेहतर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)
Education Department Report: शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के दौरान मध्य और माध्यमिक स्तर पर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। मध्य स्तर पर जीईआर 2023-24 में 89.5 प्रतिशत से बढ़कर अब 90.3 प्रतिशत हो गया है, जबकि माध्यमिक स्तर पर यह 66.5 प्रतिशत से बढ़कर 68.5 प्रतिशत पहुंच गया है। यह बढ़ोतरी शिक्षा तक बेहतर पहुंच और उच्च कक्षाओं में छात्रों की बढ़ती भागीदारी को दर्शाती है। जीईआर में निरंतर वृद्धि स्कूल प्रणाली में महत्वपूर्ण संक्रमण बिंदुओं पर व्यापक शैक्षिक समावेशन और प्रतिधारण की दिशा में प्रगति का सकारात्मक संकेतक है।
बेहतर सकल नामांकन अनुपात (जीईआर)
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
| सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) (प्रतिशत) | मध्य | 90.0 | 89.5 | 90.3 |
| माध्यमिक | 67.6 | 66.5 | 68.5 | |
बेहतर संक्रमण दर
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में प्रमुख शैक्षिक चरणों में संक्रमण दरों में उत्साहजनक सुधार पाया गया है। फाउंडेशनल से प्रिपरेटरी तक संक्रमण दर 98.1 प्रतिशत से बढ़कर 98.6 प्रतिशत हो गई है, प्रिपरेटरी से मिडिल तक संक्रमण दर 88.8 प्रतिशत से बढ़कर 92.2 प्रतिशत और मिडिल से सेकेंडरी तक संक्रमण दर 83.3 प्रतिशत से बढ़कर 86.6 प्रतिशत हो गई है। ये ऊर्ध्वतर परिवर्तन शिक्षा प्रणाली में छात्रों के बेहतर विकास का संकेत देते हैं, जो दर्शाता है कि अधिक शिक्षार्थी संक्रमणकालीन स्तरों पर पढ़ाई छोड़े बिना अपनी पढ़ाई जारी रख रहे हैं।
संक्रमण दर में सुधार
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 | |
| संक्रमण दर (प्रतिशत) | आधारभूत से प्रारंभिक तक | 92.2 | 98.1 | 98.6 |
| प्रारंभिक से मध्य | 87.9 | 88.8 | 92.2 | |
| मध्य से माध्यमिक | 86.7 | 83.3 | 86.6 | |
शून्य नामांकन और एकल शिक्षक वाले स्कूलों में कमी
भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में शून्य नामांकन वाले स्कूलों के साथ ही एकल शिक्षक वाले स्कूलों की भी विशेषताएं दर्ज की गई हैं। सभिप्राय और सार्थक सरकारी हस्तक्षेपों से, शून्य नामांकन वाले स्कूलों के साथ-साथ एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में भी लगातार कमी आई है। यूडीआईएसई प्लस के निष्कर्ष, स्कूलों में शिक्षकों के उचित आवंटन की नीति और उसे युक्तिसंगत बनाने में सहायक हैं, जिससे छात्र शिक्षक अनुपात का विवेकपूर्ण संतुलन बना रहे। जैसा कि विवरण में प्रस्तुत है, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष एकल शिक्षक वाले स्कूलों की संख्या में लगभग 6 प्रतिशत की कमी आई है। इसी प्रकार, शून्य नामांकन वाले स्कूलों की संख्या में भी लगभग 38 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
शून्य नामांकन और एकल शिक्षक विद्यालय
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| एकल शिक्षक विद्यालय (संख्या) | 118190 | 110971 | 104125 |
| शून्य नामांकन वाले स्कूल (संख्या) | 10294 | 12954 | 7993 |
बेहतर ढांचागत सुविधा
कंप्यूटर-युक्त स्कूलों की संख्या में वृद्धि
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में स्कूली बुनियादी ढांचे, विशेष तौर पर डिजिटल सुविधा प्रदान करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति रही है। सबसे उल्लेखनीय सुधारों में कंप्यूटर-युक्त स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी है, जो वर्ष 2023-24 में 57.2 प्रतिशत की तुलना में इस वर्ष बढ़कर 64.7 प्रतिशत हो गई है। यह बढ़ोतरी कक्षाओं में प्रौद्योगिकीकरण, डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों को तकनीक-संचालित भविष्य के लिए तैयार करने पर अधिक ध्यान दिये जाने को दर्शाती है। डिजिटल बुनियादी ढांचे में सुधार अधिक आधुनिक और समावेशी शिक्षण वातावरण निर्मित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
कंप्यूटर-युक्त स्कूल (प्रतिशत में)
| बुनियादी ढांचा सुविधाएं | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| कंप्यूटर | 47.7 | 57.2 | 64.7 |
इंटरनेट सुविधा से युक्त स्कूलों की संख्या में बढ़ोतरी
Education Department Report: शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में स्कूलों में इंटरनेट सुविधाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले स्कूलों का प्रतिशत पिछले वर्ष के 53.9 प्रतिशत से बढ़कर अब 63.5 प्रतिशत हो गया है। यह उल्लेखनीय सुधार डिजिटल बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने, ऑनलाइन संसाधनों, डिजिटल सामग्री और प्रौद्योगिकी-सक्षम शिक्षण विधियों के बेहतर इस्तेमाल सुनिश्चित करने पर बढ़ते ध्यान को दर्शाता है।
इंटरनेट सुविधा युक्त स्कूल (प्रतिशत में)
| बुनियादी ढांचा सुविधाएं | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| इंटरनेट | 49.7 | 53.9 | 63.5 |
स्कूलों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं में सुधार
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में दौरान स्कूलों में बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, जिससे अधिक सहायक और छात्र-अनुकूल शिक्षण वातावरण निर्मित हुआ है। आज, 93.6 प्रतिशत स्कूलों में बिजली, 97.3 प्रतिशत में लड़कियों के लिए शौचालय और 96.2 प्रतिशत में लड़कों के लिए शौचालय बने हुए हैं—जो सभी छात्रों को सम्मान और स्वच्छता सुनिश्चित करते हैं। अब 95.9 प्रतिशत स्कूलों में हाथ धोने की सुविधा उपलब्ध है और 99.3 प्रतिशत स्कूलों में सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है। ये सुधार स्कूलों में दैनिक अनुभव बेहतर बनाने के साथ ही स्वास्थ्य, उपस्थिति और समग्र शैक्षिक परिणाम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
स्कूलों में बुनियादी ढांचों में सुधार (प्रतिशत में)
| बुनियादी ढांचा सुविधाएं | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| बिजली | 91.7 | 91.8 | 93.6 |
| पेय जल | 98.4 | 98.3 | 99.3 |
| लड़कियों के शौचालय | 97.0 | 97.2 | 97.3 |
| लड़कों के शौचालय | 95.6 | 95.7 | 96.2 |
| हाथ धोने की सुविधा | 94.1 | 94.7 | 95.9 |
| खेल का मैदान | 82.0 | 82.4 | 83.0 |
| पुस्तकालय | 88.3 | 89.0 | 89.5 |
| वर्षा जल संचय | 28.0 | 28.4 | 29.4 |
उल्लेखित वर्ष के दौरान, 54.9 प्रतिशत स्कूलों में रैम्प और हैंडरेलिंग की व्यवस्था है, जो दिव्यांग विद्यार्थियों की सुगम्यता बढ़ाकर तथा समान शिक्षण अवसर सुनिश्चित कर समावेशी शिक्षा प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
रैम्प और हैंडरेलिंग वाले स्कूल (प्रतिशत में)
| बुनियादी ढांचा सुविधाएं | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| हैंडरेलिंग के साथ रैंप | 51.0 | 52.3 | 54.9 |
महिलाओं का बेहतर प्रतिनिधित्व
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में महिला शिक्षकों के प्रतिनिधित्व में भी बढ़ोतरी हुई है, और कुल शिक्षण कार्यबल में महिलाओं की हिस्सेदारी 54.2 प्रतिशत हो गई है। शिक्षा क्षेत्र में लैंगिक संतुलन की दिशा में यह एक सकारात्मक परिवर्तन है, जो शिक्षण पेशे में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के प्रयासों में सफलता दिखाती है। महिला शिक्षकों की बढ़ती उपस्थिति स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर समावेशी, सहायक और लैंगिक-संवेदनशील शिक्षण वातावरण निर्मित करने में महत्वपूर्ण है।
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में स्कूलों में महिला शिक्षकों और कर्मियों के प्रतिनिधित्व में सकारात्मक वृद्धि रही है, जहां लड़कियों का नामांकन पिछले वर्ष के 48.1 प्रतिशत से बढ़कर अब 48.3 प्रतिशत हो गया है। हालांकि यह सुधार मामूली है, लेकिन यह शिक्षा में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और सभी स्तरों पर लड़कियों की बेहतर पहुंच और भागीदारी सुनिश्चित करने के चल रहे प्रयासों को दर्शाता है।
शिक्षा में महिला प्रतिनिधित्व
| शैक्षिक संकेतक | 2022-23 | 2023-24 | 2024-25 |
| लड़कियों का नामांकन (प्रतिशत) | 48.0 | 48.1 | 48.3 |
| महिला शिक्षक (प्रतिशत) | 52.3 | 53.3 | 54.2 |