Bhojan ke niyam
Bhojan ke Niyam : भारत एक ऐसा देश है जहाँ आज भी बहुत से लोग भूखे सोते हैं। ऐसे में भोजन बर्बाद करना एक गंभीर सामाजिक बुराई माना जाता है। ऐसे तो थाली में झूठा भोजन छोड़ने के लिए कोई कानूनी सज़ा नहीं है, लेकिन धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं में इसके कई नकारात्मक परिणाम बताए गए हैं।
Bhojan ke Niyam
हिंदू धर्म में भोजन को अन्नपूर्णा देवी का रूप माना जाता है। थाली में जूठन छोड़ने से उनका और माता लक्ष्मी का अपमान होता है, ऐसा करने वालों को जीवन में धन, अन्न, सुख, समृद्धि की कमी बनी रहती है लेकिन कई बार वो इस गलती को पहचान नहीं पाते कि आखिर मेहनत करने और सब कुछ सही होने के बाद भी ऐसा क्यों हो रहा है। मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से पितर भी अप्रसन्न होते हैं, जिससे पितृ दोष लग सकता है और परिवार को परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।
Bhojan ke Niyam
अक्सर बड़े बुजुर्गों कहते हैं कि जितना खाना हो थाली में उतना ही लें, लेकिन कुछ लोग एकसाथ अधिक भोजन ले लेते हैं और फिर उसे जूठा छोड़ देते हैं। ज्योतिष में इसे कुंडली में बुध और बृहस्पति के कमजोर होने का संकेत माना जाता है। इससे मानसिक तनाव, शनि और चंद्रमा के अशुभ प्रभाव और जीवन में नकारात्मकता बढ़ सकती है।
Bhojan ke Niyam
थाली में जूठा छोड़ना भूल हो यां लापरवाही, गलती तो है और उसकी सज़ा भी मिलती है। कुछ मान्यताओं में यह भी कहा गया है कि जान-बूझकर भोजन छोड़ने वाला व्यक्ति अगले जन्म में जूठा खाने को मजबूर हो सकता है। अन्न का अनादर करने वालों के घर मां लक्ष्मी कभी वास नहीं करती हैं, फिर चाहे आप कितनी पूजा-पाठ क्यों न कर लें। साथ ही पितरों का आशीर्वाद भी नहीं मिलता, और शनि देव के प्रकोप भी झेलने पड़ते हैं रामायण में एक कहानी है, जिसमें हनुमान जी ने रावण की जूठी थाली में दही देख लिया था, जिससे वह समझ गए कि रावण का अंत निकट है।
Bhojan ke Niyam
थाली में बचा हुआ भोजन गाय को भी नहीं देना चाहिए, खासकर यदि वह जूठा हो या उसमें लहसुन, प्याज जैसे तामसिक पदार्थ हों, क्योंकि यह धार्मिक रूप से सही नहीं माना जाता है।
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