भोपाल : MP Cabinet Expansion : क्या मध्यप्रदेश को इस वक्ता ब्यूरोक्रेट्स चला रहे हैं? ये सवाल भी है और विपक्ष का आरोप भी। दरअसल, मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जीते बीजेपी को 20 दिनों से ज्यादा वक्त हो चुका है, लेकिन अब तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो सका है। कांग्रेस आरोप लगा रही है कि एमपी केंद्र शासित प्रदेश हो गया है। साथ ही दावा कर रही है कि, प्रदेश में विकास कार्य ठप पड़े हैं तो, आखिर कहां फंसा है पेंच और कब खत्म होगा इंतजार।
MP Cabinet Expansion : मध्यप्रदेश में बीजेपी की सरकार बने 20 दिन हो चुके हैं। मोहन यादव को मुख्यमंत्री की शपथ लिए भी 10 दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक डॉ मोहन यादव अपने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। कांग्रेस दावा कर रही है कि एमपी में बीजेपी की सरकार दिल्ली से चल रही है। जब तक दिल्ली आलाकमान यानि पीएम मोदी और अमित शाह मंत्रिमंडल के नामों पर मुहर नहीं लगा पाएंगे तब तक मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल का विस्तार संभव नही है। कांग्रेस मीडिया प्रभारी के के मिश्रा कह रहे हैं कि ये कैसे मुख्यमंत्री हैं जो अपना मंत्रिमंडल अब तक नहीं बना पाए हैं और इसकी वजह से प्रदेश के सारे विकास के काम अटके हुए हैं।
दरअसल, मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही खींचतान के पीछे लोकसभा चुनावों के लिए टेबल एक्सरसाइज़ होना भी बड़ी वजह है। उधर, बीजेपी के तमाम क्षत्रप इस बार खुद मंत्रिमंडल में शामिल होने की दावेदारी कर रहे हैं। जाहिर है मोहन यादव और आलाकमान के सामने सबको खुश रखने के साथ ही लोकसभा चुनाव के हिसाब से मंत्रियों की जमावट करना बड़ी चुनौती है। बीजेपी जानती है कि बड़े नेताओं को नाराज़ किया तो नतीजे लोकसभा चुनावों में असर डाल सकते हैं। लिहाजा बीजेपी मंत्रिमंडल में सोशल इंजीनियरिंग के फॉर्मलू की तरफ भी बढ़ रही है। हालांकि बीजेपी नेता ये कह रहे हैं कि मंत्रिमंडल के विस्तार में फिलहाल कोई देरी नहीं हुई। जल्द ही मंत्रियों के चेहरों से पर्दा हट जाएगा।
MP Cabinet Expansion : जाहिर है बीजेपी के सामने फिलहाल लोकसभा चुनाव जीतने का लक्ष्य है। एमपी में लोकसभा की 29 सीटें हैं। बीजेपी की कोशिश है कि पिछले चुनाव के नतीजे फिर दोहराए जाएं। मगर इन सब के बीच सवाल ये कि क्या वाकई मंत्रिमंडल विस्तार में देरी से प्रदेश में विकास कार्य रुके हुए हैं। क्या मध्यप्रदेश की मोहन सरकार इस वक्त ब्यूरोक्रेसी के भरोसे हचल रही है? और क्या राज्य के फैसलों में देरी के लिए केंद्रीय नेतृत्व वजह है? ये बड़ा सवाल है। खैर खबर ये भी है कि 26 दिसंबर के बाद एमपी के नए मंत्री शपथ ले लेंगे। तब-तक आपको और हमको इंतजार करना होगा।