MP Crime: “बेटा जेल में पिट रहा है…” कहकर ठग ने बनाया परिजनों को शिकार, कैदी की आवाज निकालकर वसूलें पैसे

MP Crime: "बेटा जेल में पिट रहा है..." कहकर ठग ने बनाया परिजनों को शिकार, कैदी की आवाज निकालकर वसूलें पैसे Shahdol News

MP Crime/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • जेल में बंद युवक की आवाज बनाकर परिजनों से ठगे 20 हजार,
  • साइबर ठगों ने रचाई मारपीट की झूठी कहानी,
  • ऑडियो से फैलाई दहशत

शहडोल: Shahdol News: एक ओर जहाँ सरकार और पुलिस महकमा आमजन को साइबर ठगी से सतर्क रहने के लिए लगातार जागरूकता अभियान चला रहा है, वहीं दूसरी ओर ठग नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। MP Crime

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MP Crime:  ताज़ा मामला शहडोल ज़िले के ब्यौहारी थाना क्षेत्र से सामने आया है, जहाँ शातिर ठगों ने जेल में बंद युवक की आवाज़ बनाकर उसके परिजनों से 20 हज़ार रुपये ऐंठ लिए। शहडोल के ब्यौहारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कटकारीह भमरहा निवासी रामबोध साहू को पुलिस ने 3 अगस्त को गांजे का पौधा बाड़ी में लगाने के आरोप में गिरफ़्तार कर जेल भेजा था। रामबोध की गिरफ़्तारी की जानकारी जैसे ही ऑनलाइन एफआईआर और अपडेट्स के ज़रिए ठगों को लगी उन्होंने बेहद चालाकी से उसके परिवार को निशाना बनाया।

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MP Crime:  ठगों ने रामबोध साहू के घर पर फ़ोन कर परिजनों को यह कहा कि वे रामबोध को पीट रहे हैं, और अगर उसे बचाना है तो तुरंत 50 हज़ार रुपये ऑनलाइन ट्रांसफ़र करें। फ़ोन कॉल के दौरान पीछे से मारपीट की आवाज़ें भी सुनाई जा रही थीं, जिससे रामबोध के परिवार में दहशत फैल गई। परिजनों ने आनन-फानन में दिए गए स्कैन कोड के माध्यम से ठगों को 20 हज़ार रुपये ट्रांसफ़र कर दिए। भुगतान के कुछ ही मिनटों बाद जब उन्होंने दोबारा संपर्क किया तो ठग का व्यवहार बदला-बदला सा था।

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MP Crime: फ़ोन उठाने के बाद उसने गाली-गलौच करते हुए साफ़ कहा कि वह रोज़ ऐसे ही लोगों को ठगता है और यही उसका काम है। घटना के बाद रामबोध के परिजनों ने शहडोल साइबर सेल और ब्यौहारी पुलिस से शिकायत की है। पुलिस के मुताबिक, जिस नंबर से ठगों ने कॉल किया था, उसकी लोकेशन और कॉल डिटेल खंगाली जा रही है। साइबर टीम सक्रिय हो गई है और इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जाँच में जुट गई है।

"साइबर ठगी क्या है" और यह कैसे होती है?

साइबर ठगी एक ऐसा अपराध है जिसमें इंटरनेट या मोबाइल नेटवर्क का उपयोग कर लोगों को धोखा देकर पैसे या निजी जानकारी ली जाती है, जैसे कि इस मामले में जेल में बंद व्यक्ति की आवाज बनाकर परिजनों को ठगा गया।

"जेल से कॉल आने पर कैसे पहचानें कि वह असली है या नकली?"

अगर कोई कॉल आकर कहता है कि कोई रिश्तेदार जेल में है और पैसे मांगे, तो सीधे संबंधित थाने में संपर्क करें। बिना पुष्टि किए किसी लिंक या स्कैन कोड के ज़रिए पैसे न भेजें।

"साइबर ठगी की शिकायत" कहां दर्ज कर सकते हैं?

आप 1930 नंबर पर कॉल करके, नजदीकी पुलिस थाने में जाकर या cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

"गूगल पे या स्कैन कोड से पैसे भेजने में क्या खतरे हैं?"

अगर कोई अज्ञात व्यक्ति स्कैन कोड भेजे और पैसे मांगे, तो यह साइबर फ्रॉड हो सकता है। हमेशा सत्यापन करें और अजनबियों को पैसे न भेजें।

"साइबर टीम कितनी जल्दी कार्रवाई करती है"

इस तरह के मामलों में? साइबर टीम फ़ोन नंबर की लोकेशन, कॉल रिकॉर्ड और पेमेंट ट्रेल्स की जांच करके ठगों का पता लगाने की कोशिश करती है, लेकिन कार्रवाई की गति केस की गंभीरता और उपलब्ध जानकारी पर निर्भर करती है।