नेशनल हेराल्ड केस की जांच की आंच पहुंची राजधानी, बनने जा रही जांच कमेटी

Investigation committee to be formed for National Herald case: नेशनल हेराल्ड केस की जांच की आंच पहुंची राजधानी, बनने जा रही जांच कमेटी

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  • Publish Date - August 7, 2022 / 05:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:57 PM IST

National Herald Case: Now the land allotted to National Herald in Bhopal will be investigated. Minister ordered

Investigation committee to be formed for National Herald case: भोपाल। नेशनल हेराल्ड केस की जांच की आंच दिल्ली से भोपाल तक आ चुकी है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भोपाल में नेशनल हेराल्ड की प्रॉपर्टी की जांच के निर्देश दे चुके हैं। अब नगरीय प्रशासन विभाग के पीएस मनीष सिंह जांच कमेटी बनाएंगे। यह कमेटी जमीन आवंटित करने से लेकर उसका लैंड यूज बदलने और कमर्शियल बिल्डिंग बनाने की मंजूरी देने तक की जांच करेगी। जांच कमेटी में कौन अफसर होंगे, ये कल सोमवार को तय हो जाएगा।

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क्या है मामला

Investigation committee to be formed for National Herald case: 1981 में नेशलन हेराल्ड और इसकी कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को भोपाल में जमीन मिली थी। यहां 1981 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड को हिंदी अखबार नवजीवन के प्रकाशन लिए इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में करीब पौने दो एकड़ जमीन लीज पर आवंटित की गई थी। भोपाल के महाराणा प्रताप नगर जोन-1 में नेशनल हेराल्ड को आवंटित जमीन पर वर्तमान में कई कमर्शियल कॉम्प्लेक्स, शोरूम और प्राइवेट ऑफिस चल रहे हैं। हालांकि, 2018 में विधानसभा चुनाव से पहले जमीन के दुरुपयोग का मामला उठने पर भोपाल विकास प्राधिकरण ने बेहद रियायती दर पर आवंटित जमीन की लीज रद्द कर दी थी। इसके बाद से ये मामला हाईकोर्ट में चल रहा है।

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हेराल्ड की जमीन पर बना कमर्शियल कॉम्प्लेक्स

Investigation committee to be formed for National Herald case: 80 के दशक में कांग्रेस के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की सरकार ने राजधानी भोपाल में कई मीडिया संस्थानों को अखबारों के संचालन के लिए महाराणा प्रताप नगर के इंदिरा प्रेस कॉम्प्लेक्स में बेहद रियायती दर पर जमीनें आवंटित की थीं। इन संस्थानों में एसोसिएटेट जर्नल्स लिमिटेड भी शामिल थी। इस ग्रुप के हिंदी अखबार दैनिक नवजीवन के प्रकाशन के लिए भोपाल में करीब पौने दो एकड़ का प्लॉट सिर्फ 1 रुपए वर्गफीट पर आवंटित किया गया था। यहां प्रिंटिंग प्रेस लगाकर नवजीवन अखबार का पब्लिकेशन भी शुरू किया गया। लेकिन 1992 में इसका पब्लिकेशन बंद हो गया। इसके बाद इस जमीन पर एक बड़ा कमर्शियल कॉम्प्लेक्स बना दिया गया। इसमें कई निजी कंपनियों के शोरूम और ऑफिस खुल गए।

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