#SarkarOnIBC24: इधर से ‘प्रहार’, उधर से ‘गुहार’, कोर जोन में सबसे बड़ा ऑपरेशन! बीते 96 घंटे से लगातार जारी है अभियान

Naxal Operation in CG: इधर से 'प्रहार', उधर से 'गुहार', कोर जोन में सबसे बड़ा ऑपरेशन! बीते 96 घंटे से लगातार जारी है अभियान

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  • Publish Date - April 25, 2025 / 10:35 PM IST,
    Updated On - April 25, 2025 / 10:35 PM IST

Naxal Operation in CG | Photo Credit: IBC24

HIGHLIGHTS
  • 4,000 से ज्यादा जवान बीजापुर के कर्रेकुट्टा पहाड़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
  • 44 डिग्री तापमान और डिहाइड्रेशन जैसी चुनौतियों के बीच भी ऑपरेशन जारी है।
  • नक्सलियों ने पत्र जारी कर सैन्य कार्रवाई रोकने और शांति वार्ता की मांग की है।

रायपुर: Naxal Operation in CG एक तरफ पहलगाम अटैक के बाद आतंकियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी है, तो दूसरी तरफ बस्तर में अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी है। माना जा रहा है कि बीते 4-5 दिनों से छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर जारी एंटी नक्सल ऑपरेशन नक्सलियों के पूर्ण सफाए की फायनल कड़ी साबित हो सकता है। बीजापुर में जारी ये ऑपरेशन इतना घातक है कि इसे लेकर नक्सलियों ने पत्र जारी कर सरकार से फौरन इस ऑपरेशन को रोकने की गुहार लगाई है।

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Naxal Operation in CG बीते 4 दिन से 44 डिग्री से ज्यादा तापमान में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। 4 हजार से ज्यादा जवान बीजापुर जिले के कर्रेकुट्टा पहाड़ में नक्सलियों के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं। जवानों के सामने एक तरफ लाल लड़ाकों से लोहा लेने की चुनौती है तो दूसरी तरफ भीषण गर्मी का भी सामना करना पड़ रहा। शुक्रवार को 30 से ज्यादा जवान डिहाइड्रेशन का शिकार हो गए। जिसके बाद 15 जवानों को हेलीकाप्टर से वेंकटापुरम ले जाया गया। डिहाड्रेशन के बावजूद छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के हजारों जवान पूरी मुस्तैदी से नक्सलियों पर प्रहार कर रहे हैं।

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नक्सलियों के खिलाफ चल रही निर्णायक लड़ाई मे बीजापुर का ये ऑपरेशन अहम माना जा रहा है। कोर जोन में जवानों के ऑपरेशन से नक्सली भी बैकफुट पर हैं। लिहाजा उनकी तरफ से एक बार फिर शांति वार्ता के लिए प्रेस नोट जारी किया है। नक्सलियो ने अपने लेटर में बीजापुर में चल रहे सैन्य ऑपरेशन के रोकने की अपील की है। जिसपर मुख्यमत्री ने कहा कि शांति वार्ता के लिए दरवाजा खुला है।

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बीते डेढ़ सालों में नक्सलियों के खिलाफ चल रहे एंटी नक्सल अभियान से नक्सली अब अपनी मांद में भी सुरक्षित नहीं है। वो मारे जा रहे हैं, गिरफ्तार हो रहे हैं, समर्पण कर रहे हैं और अब सीधे-सीधे सरकार से शांति की गुहार लगा रहे हैं। एक महीने में ये चौथी बार है जब नक्सलियों की ओर से सरकार को शांति के लिए पत्र लिखा गया है। यानी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की डेडलाइन के बाद नक्सल मोर्चे पर जवान नक्सलियों पर भारी पड़े हैं।अगर बीजापुर में बीते 4 दिन चल रहा ऑपरेशन सफल हुआ तो छत्तीसगढ़ से लाल आतंक की विदाई तय है।

एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 में बीजापुर में क्यों चलाया जा रहा है?

एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 में बीजापुर को इसलिए चुना गया है क्योंकि यह क्षेत्र नक्सलियों के कोर ज़ोन में आता है और यहां उनकी सक्रियता सबसे अधिक है।

एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 में कितने जवान शामिल हैं?

एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 में लगभग 4,000 जवान तैनात किए गए हैं जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र से हैं।

क्या एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 में नक्सलियों की ओर से प्रतिक्रिया आई है?

एंटी नक्सल ऑपरेशन 2025 के दौरान नक्सलियों ने पत्र जारी कर ऑपरेशन रोकने और शांति वार्ता की अपील की है।