पटना, 16 फरवरी (भाषा) पटना जिला की एक अदालत ने निजी स्कूल के मालिक सह प्राचार्य को स्कूल की ही 11 साल की बच्ची के साथ बलात्कार करने के जुर्म में मौत की सजा सुनाई है। विशेष न्यायधीश (पॉक्सो) अवधेश कुमार ने दोषी राज सिंघानिया उर्फ अरविंद को सजा सुनाते हुए कहा कि वह ऐसे अपराध का दोषी है जो बहुत जघन्य और दुर्लभतम है इसलिए वह किसी उदारता का हकदार नहीं है।
अदालत ने अरविंद पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। उसके एक सहयोगी अभिषेक कुमार को इस मामले में आजीवन कारावास और 50,000 रुपये अर्थदंड की सजा सुनायी गई है। यह मामला सितंबर 2018 में सामने आया। बीमारी होने पर बच्ची को उसके माता-पिता डॉक्टर के पास लेकर गाए जहां उसके गर्भवती होने की बात सामने आयी। इसके बाद छात्रा ने बताया कि फुलवारी शरीफ इलाके में स्थित अपने स्कूल में यौन शोषण का शिकार हो रही थी।
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बाद में महिला थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गई और लड़की का एक सरकारी अस्पताल में गर्भपात कराया गया। अरविंद का डीएनए परीक्षण कराए जाने पर रिपोर्ट में उसपर लगे आरोप की पुष्टि हुई थी। पीड़िता की मां जिन्होंने कानूनी लड़ाई जारी रखते हुए शहर छोड़ दिया है, ने कहा, ‘‘मुझे सरस्वती पूजा पर न्याय मिला है। मैं राहत महसूस कर रही हूं। दोषी शिक्षक जैसे महान पेशे पर एक बदनुमा दाग था।’’
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अपने रिकॉर्ड किए गए बयान में लड़की ने कहा था कि अभिषेक ने एक दिन उससे कहा कि उसे प्राचार्य ने अपने चेंबर में बुलाया है। प्राचार्य ने उसे अपने चेंबर के अंदर बने एक कक्ष से एक रजिस्टर लाने के लिए कहा और जब वह कक्ष में गयी तो उन्होंने उसके साथ जबरदस्ती की।
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प्राचार्य द्वारा यौन उत्पीड़न जारी रखा गया और अभिषेक की मदद से अपने कुकृत्य का एक वीडियो भी शूट किया और उसे धमकी दी कि अगर उसने किसी को इस बारे में बताया तो उसे वायरल कर दिया जाएगा। अदालत ने लड़की को बिहार पीड़िता मुआवजा योजना के तहत 15 लाख रुपये की राशि प्रदान किए जाने का भी आदेश दिया।