Ramdarsh Mishra Passes Away/Image Credit: @lkoabhishek X Handle
Ramdarsh Mishra Passes Away: लखनऊ: हिंदी साहित्य जगत से एक बड़ी और दुखद खबर निकलकर सामने आ रही है। इस खबर के सामने आने के बाद साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। दरअसल, प्रसिद्ध कवि, लेखक और पूर्व प्रोफेसर रामदरश मिश्र का निधन हो गया है। उन्होंने 101 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली है। रामदरश मिश्र ने अपने गोरखपुर स्थित अपने निवास स्थान पर अंतिम सांस ली। पद्म श्री से सम्मानित रामदरश मिश्र आधुनिक हिंदी साहित्य को समृद्ध करने में अमूल्य योगदान दिया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए इसे हिंदी साहित्य के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति बताया है।
Ramdarsh Mishra Passes Away: सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, हिंदी साहित्य के क्षेत्र में प्रोफेसर रामदरश मिश्र का निधन अपूरणीय क्षति है। श्रीराम पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों को दुःख सहने की शक्ति दें। रामदरश मिश्र का जन्म 15 अगस्त 1924 को गोरखपुर जिले के डुमरी गांव में हुआ था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे साहित्य अकादमी और विभिन्न विश्वविद्यालयों से जुड़े। सात दशकों से अधिक समय तक सक्रिय रहते हुए उन्होंने 150 से ज्यादा पुस्तकें लिखीं, जिनमें 32 काव्य संग्रह शामिल हैं।
Ramdarsh Mishra Passes Away: उनकी प्रमुख कृतियां ‘मैं तो यहां हूं’ (साहित्य अकादमी पुरस्कार), ‘बनाया है मैंने ये घर धीरे धीरे’ (सरस्वती सम्मान 2021) और ‘बिना दरवाजे का मकान’ हैं. ये रचनाएं ग्रामीण भारत की सादगी, किसानों की पीड़ा और आधुनिकता के द्वंद्व को बखूबी उकेरती हैं। रामदरश मिश्र को 2025 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया, जो उनके जीवन के अंतिम वर्षों में मिला सम्मान था।