रायपुर। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव एक साथ हो रहे हैं। दोनों ही राज्यों में शासकीय अधिकारी-कर्मचारी की ड्यूटी निर्वाचन कार्य में लगाई गई है। लेकिन मानदेय को लेकर दोनों राज्यों के कर्मचारियों के बीच विसंगति नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में ऐसे कर्मचारियों को मप्र के कर्मचारियों की अपेक्षा कम मानदेय मिल रहा है।
गौरतलब है कि निर्वाचन आयोग चुनाव के दौरान मतदान की तैयारियों से मतगणना तक के लिए शासकीय, अर्धशासकीय व अशासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाता है। ऐसे कर्मचारियों के लिए चुनाव के कार्यों को अनिवार्य सेवा की श्रेणी में रखा गया है। चुनाव में कार्य के एवज में अधिकारियों व कर्मचारियों को आयोग की ओर से मानदेय भुगतान दिए जाने का प्रावधान है।
मानदेय के लिए लिए पुनरीक्षित दर स्वीकृत की गई है, लेकिन इसमें हैरत की बात यह है कि छत्तीसगढ़ और मप्र के चुनाव के लगे कर्मचारियों को अलग-अलग मानदेय दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश में दिया जाने वाला मानदेय छग के मानदेय से अधिक है।
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मध्यप्रदेश में पीठासीन अधिकारी को 2050 रुपए दिए जा रहे हैं। मतदान अधिकारी क्रमांक -1 को 1300 रुपए, मतदान अधिकारी क्रमांक 2 को 1050 रुपए और मतदान अधिकारी क्रमांक 3 को 1050 रुपए मानदेय दिए जा रहे हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में पीठासीन अधिकारी को 1200 रुपए, मतदान अधिकारी क्रमांक -1 को 900 रुपए और मतदान अधिकारी क्रमांक 2 को 900, मतदान अधिकारी क्रमांक 3 को 900 रुपए ही दिए जा रहे हैं।
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