मुंबई। महाराष्ट्र में किसानों की आवाज और भी मुखर होती नजर आ रही है। लोक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले पैदल मार्च करते हुए राज्य के आदिवासी और किसान मुंबई पहुंच गए हैं। वे रविवार को कल्याण से निकले थे। उनकी मांग है कि उनका कर्ज माफ किया जाए, उन्हें सूखे का मुआवजा मिले और जंगलों की जमीन को आदिवासियों को हस्तांतरित की जाए। इसके अलावा उनकी और भी मांगें हैं। राज्य के किसान इससे पहले भी अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर चुके हैं।
किसानों का आरोप है कि पिछले प्रदर्शन के दौरान सरकार के किए गए वादे अब तक पूरे नहीं हुए हैं। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांग न मानी तो दो दिन का यह प्रदर्शन और भी लंबा चल सकता है। आजाद मैदान पहुंचकर किसान सरकार के खिलाफ हल्ला बोलेंगे।
किसानों की मांग में लोड शेडिंग की समस्या, वनाधिकार कानून लागू किया जाना, सूखा राहत, न्यूनतम समर्थन मूल्य, स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू करना शामिल है। सड़क पर उतरे किसानों का कहना है कि पिछले प्रदर्शन के 9 माह बाद भी सरकार के वादे पूरे नहीं हुए हैं। किसानों के इस आंदोलन में कई सामाजिक कार्यकर्ता और किसान आंदोलनों से जुड़े लोग शामिल हैं।
किसानों ने कहा है कि अगर राज्य सरकार कोई ठोस आश्वासन नहीं देती है तो आंदोलन की समय सीमा को और आगे बढ़ाया जाएगा। बता दें कि महाराष्ट्र में एक बड़ा हिस्सा हर साल सूखे की चपेट में आता है। इसके अलावा किसानों की आत्महत्या भी सरकार के लिए गंभीर चुनौती है।
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