हैदराबाद। इसरो ने गुरुवार को आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से पीएसएलवी-सी43 रॉकेट से स्वदेशी हाइसइस (एचवाईएसआईएस) सैटेलाइट लॉन्च किया। इसरो ने इसे देश का अब तक का सबसे ताकतवर इमेजिंग सैटेलाइट बताया है। खास बात यह है कि हाइसइस के साथ आठ देशों के 30 अन्य सैटेलाइट (1 माइक्रो और 29 नैनो) भी छोड़े गए हैं। ये पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी) की इस साल में यह छठीं उड़ान थी। इन सैटेलाइट्स को धरती से 636 किमी ऊपर कक्षा में स्थापित किया जाएगा।
बता दें कि इस प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती बुधवार की सुबह 5:58 बजे ही शुरू हो गई थी। हाइसइस धरती की मैग्नेटिक फील्ड का भी अध्ययन करने के साथ सतह का भी अध्ययन करेगा। इस सैटेलाइट की खूबी यह भी है कि इसे रणनीतिक उद्देश्यों के लिए भी उपयोग किया जाएगा।
हाइसइस को छोड़ने के लिए 44.4 मीटर लंबे और 230 टन वजनी पीएसएलवी रॉकेट का इस्तेमाल किया गया है। यह चार चरण का लॉन्चिंग व्हीकल है। इसमें ठोस ईंधन का उपयोग है। हाइसइस का वजन 380 किलो जबकि 30 अन्य सैटेलाइट का वजन 261.5 किलो है। ये मिशन रॉकेट लॉन्चिंग के 112 मिनट (एक घंटे 52 मिनट मिनट) बाद पूरा हो जाएगा।
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जिन देशों के उपग्रह भेजे गए उनमें अमेरिका के 23 जबकि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन के एक-एक सैटेलाइट शामिल हैं। सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए अन्य देशों ने एंट्रिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (इसरो का व्यावसायिक उपक्रम) के साथ करार किया है।