नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग होने के बाद मुख्य निवार्चन आयुक्त ओपी रावत का बयान सामने आया है। रावत ने कहा है कि जम्मू कश्मीर में 6 महीने के भीतर चुनाव होंगे। जम्मू कश्मीर में चुनाव लोकसभा चुनाव से पहले भी हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के नियम के मुताबिक इन परिस्थितियों में विधानसभा चुनाव 6 महीने यानी मई 2019 तक हो जाना चाहिए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने राज्यपाल के समक्ष राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश करने की कोशिश करते रहे। लेकिन राजभवन की तरफ से विधानसभा भंग करने का आर्डर आ गया।
पढ़ें-भारत को चौतरफा घेरने की कोशिश, नेपाल में आयुध फैक्ट्री और सड़क निर्माण
जम्मू कश्मीर में बीजेपी के पीडीपी से समर्थन वापसी के बाद से राज्यपाल शासन है। महबूबा मुफ्ती ने एनसी के 15 और कांग्रेस के 12 विधायकों के साथ 56 सदस्यों के समर्थन का दावा किया था। वहीं सज्जाद लोन ने बीजेपी के 25 और 18 अन्य विधायकों के समर्थन का दावा किया था।
लोकसभा चुनाव 2019 से पहले बीजेपी के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में महागठबंधन बनने की कवायद शुरू हुई थी. लेकिन अमली जामा पहनाए जाने से पहले राज्यपाल ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर इन कोशिशों की हवा निकाल दी।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में बीजेपी और पीडीपी के बीच गठबंधन टूटने के बाद से राज्यपाल शासन लगा था. कांग्रेस, नेशनल कान्फेंस और पीडीपी विधानसभा भंग करने की मांग लगातार उठा रही थीं, लेकिन चुनाव के लिए तैयार नहीं थी।
पढ़ें-नोटबंदी के बाद होगी ATM बंदी, जानिए क्या है वजह
जबकि बीजेपी पीपुल्स कान्फ्रेंस अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व में तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने की कवायद में थी, लेकिन बहुमत का आंकड़े के लिए उन्हें 18 अन्य विधायकों की जरूरत थी. ऐसे में विपक्ष की पार्टी में टूट के बिना मुमकिन नहीं था।
UPI Scam: सावधान..! आप भी हो सकते हैं UPI Scam…
2 hours agoNo Petrol above Rs 200 : बाइक चालकों को अब…
3 hours ago