राहुल गांधी के कर्नाटक में मंदिर दर्शन को पीयूष गोयल ने बताया इलेक्शन टूरिज़्म | Rahul Gandhi visited temple in Karnataka, Piyush Goel termed it as Election Tourism

राहुल गांधी के कर्नाटक में मंदिर दर्शन को पीयूष गोयल ने बताया इलेक्शन टूरिज़्म

राहुल गांधी के कर्नाटक में मंदिर दर्शन को पीयूष गोयल ने बताया इलेक्शन टूरिज़्म

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:42 PM IST, Published Date : February 10, 2018/1:50 pm IST

 

बैंगलुरू। गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद अब कर्नाटक में भी राहुल गांधी के मंदिर दर्शन को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी चार दिन की कर्नाटक यात्रा पर हैं और इसी दौरान उन्होंने कोप्पल में हुलीगेम्मा मंदिर जाकर दर्शन और पूजा-अर्चना की।


चार दिन के दौरे के पहले ही दिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जिस प्राचीन हुलीगम्मा मंदिर का दर्शन किया है, उसके बारे में ऐसी मान्यता है कि यहीं पर तुगंभद्रा नदी के किनारे देवी दुर्गा का अवतार हुआ था। राहुल गांधी यहां के बाद कोप्पल जिले के पवित्र गवि सिद्देश्वरा मठ जाने वाले हैं। करीब 800 साल पुराना ये मठ लिंगायत मत के लिए पवित्र स्थान है। लिंगायत समुदाय कर्नाटक में एक बड़ा वोट बैंक है और इसीलिए राहुल गांधी के इस दौरे को राजनीतिक नजरिये से भी देखा जा रहा है। इसके अलावा राहुल गांधी के दौरे में बीदर जिले के अभिनव मनटप्पा जाने का भी कार्यक्रम है, खास बात ये है कि ये स्थल भी लिंगायत समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है।

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रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे में मंदिर दर्शन को लेकर कहा है कि ये जो कांग्रेस अध्यक्ष कर रहे हैं, वो चुनावी पर्यटन है। वे मंदिरों, मठों में जा रहे हैं। मुझे खुशी होती अगर वो यहां जाने के लिए कर्नाटक चुनाव का इंतजार नहीं करते। उन्हें गुजरात चुनाव के समय नवंबर में मंदिरों की याद आई थी और अब तीन महीने बाद याद आई है।


आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कर्नाटक का दौरा किया था और वहां कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। कर्नाटक में कांग्रेस की सिद्धारमैया सरकार है। अब राहुल गांधी वहां के चार दिवसीय दौरे पर हैं। राहुल गांधी के चुनाव दौरों में मंदिरों के दर्शन को लेकर गुजरात चुनाव के समय भी भाजपा की ओर से सवाल उठाए गए थे और अब कर्नाटक चुनाव में भी इसे दोहराया जा रहा है। दूसरी ओर, राजनीतिक विश्लेषक इसे सॉफ्ट हिंदुत्व की राजनीति के रूप में बताते रहे हैं। 

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24

 
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