मैं आंबेडकर के संविधान का ऋणी हूं : प्रधानमंत्री मोदी |

मैं आंबेडकर के संविधान का ऋणी हूं : प्रधानमंत्री मोदी

मैं आंबेडकर के संविधान का ऋणी हूं : प्रधानमंत्री मोदी

:   Modified Date:  April 16, 2024 / 08:39 PM IST, Published Date : April 16, 2024/8:39 pm IST

(तस्वीर सहित)

पूर्णिया/गया, 16 अप्रैल (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि वह बाबा साहेब आंबेडकर के संविधान के प्रति ऋणी हैं क्योंकि यह संविधान न होता तो कभी एक पिछड़े परिवार में पैदा हुआ गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता था।

विपक्ष आरोप लगा रहा है कि भाजपा नेता लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलने पर संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं, जिसके बाद मोदी की यह टिप्पणी आई है।

बिहार के गया और पूर्णिया जिलों में एक के बाद एक चुनावी रैलियों को संबोधित करने के दौरान मोदी ने संविधान के प्रति अपने उच्च सम्मान के बारे में विस्तार से बात की और अपनी सरकार द्वारा स्कूलों से लेकर उच्चतम न्यायालय और संसद तक संविधान दिवस मनाने जैसे उपायों का उल्लेख किया।

मोदी ने कहा, ‘‘यह साल खास है। हम संविधान निर्माण के 75वें साल को अमृत काल समारोह (आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न) की तरह ही बड़े पैमाने पर मनाने जा रहे हैं। इसमें देश के युवाओं को बताया जाएगा कि हमारा गौरवशाली संविधान कैसे बना और उसका महत्व क्या है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘लोग मुझसे पूछते हैं कि मैं गरीबों, दलितों की इतनी परवाह क्यों करता हूं। मैं ऐसा इसलिए करता हूं क्योंकि मैं उनके बीच से आया हूं। इसलिए मैं खुद को इस सामाजिक वर्ग का ऋणी महसूस करता हूं। मैं बाबा साहेब आंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान के प्रति भी ऋणी महसूस करता हूं क्योंकि यह संविधान न होता तो कभी ऐसे पिछडे परिवार में पैदा हुआ गरीब का बेटा देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता था।’’

देश के संविधान को लेकर मोदी की यह टिप्पणी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के इस आरोप के एक दिन बाद आयी है कि भाजपा के नेता फिर से सत्ता में आने पर संविधान को बदलने की बातें कर रहे हैं लेकिन पार्टी और प्रधानमंत्री मोदी इसको लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।

यादव ने सोमवार को यह भी आरोप लगाया था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने भी पूर्व में आरक्षण की समीक्षा की बात की थी।

मोदी ने रैली में कहा, ‘‘हमारा देश जो रामायण, महाभारत और गीता में आस्था रखता है, आज के युग में संविधान के प्रति भी उतनी ही आस्था रखता है।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘राजद की सहयोगी कांग्रेस के शासन के दौरान जब आपातकाल लगाया गया था तो कई संवैधानिक प्रावधानों को निलंबित कर दिया गया था।’’

मोदी ने कहा, ‘‘हमारे विरोधी वे लोग हैं जिन्होंने आपातकाल के दौरान संविधान के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की थी। जो लोग चाहते हैं कि सत्ता एक परिवार के हाथों में ही सीमित रहे, उनकी आंखों में संविधान खटकता है।’’

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को राजग सरकार की ‘‘बड़ी उपलब्धि’’ बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग संविधान का रोना रोते हैं, उनमें इसे जम्मू-कश्मीर में लागू करने की कभी हिम्मत नहीं हुई। जब हमने इसे लागू किया तो उन्होंने धमकी दी कि पूरे क्षेत्र में आग लग जाएगी।’’

प्रधानमंत्री ने दोनों ही स्थानों पर अपने भाषण में राजद पर तीखा हमला किया और उसपर बिहार में सत्ता में रहने के दौरान ‘‘जंगलराज’’ और भ्रष्टाचार में लिप्त रहने तथा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली प्रदेश की राजग सरकार द्वारा किए गए कार्यों का श्रेय लेने का भी आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री ने बिहार के सीमांचल के पूर्णिया जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अगर भाजपा दोबारा सत्ता में आई तो सरकार घुसपैठ के खिलाफ कार्रवाई करेगी जो वोट बैंक की राजनीति की वजह से फली-फूली।

उन्होंने कहा, ‘‘देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले सभी तत्व सरकार की नजर में हैं। चार जून का परिणाम सीमांचल की सुरक्षा को तय करेगा।’’

मोदी ने कहा, ‘‘वोट बैंक की राजनीति के कारण सीमांचल क्षेत्र में घुसपैठ को बढ़ावा मिला जिससे सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा पैदा हो गया है और इस क्षेत्र में रहने वाले दलितों समेत गरीबों को नुकसान हुआ है। कई बार उन पर हमले हुए और उनके घरों में आग लगा दी गई।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘जो लोग राजनीतिक फायदे के चलते सीएए का विरोध कर रहे हैं, वे यह जान लें, यह मोदी है, जो न डरने वाला है, न ही झुकने वाला है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राजग सरकार सीमा पार (से प्रायोजित) आतंकवाद को खत्म करने, अनुच्छेद 370 को हटाने और अयोध्या में राम मंदिर निर्माण जैसे बड़े कार्य करने में सक्षम रही है।’’

प्रधानमंत्री की पूर्णिया की रैली में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अनुपस्थित रहे जबकि भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू के उम्मीदवार संतोष कुमार कुशवाहा इस संसदीय क्षेत्र से राजग उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के तहत पूर्णिया सहित बिहार की पांच सीट (अन्य चार किशनगंज, कटिहार, भागलपुर और बांका) पर 26 अप्रैल को मतदान होना है।

गया में अपने भाषण में मोदी ने इस तीर्थनगरी की प्रसिद्धि के बारे में भी बात की और देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों को रेखांकित किया।

उन्होंने विपक्ष पर अपना प्रहार जारी रखते हुए कहा, ‘‘हमारी लड़ाई उन लोगों के खिलाफ है जो कि हमारी संस्कृति का कोई सम्मान नहीं करते।’’

गया, बिहार की उन चार लोकसभा सीट (अन्य तीन नवादा, जमुई और औरंगाबाद) में से एक है जहां पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होना है।

आरक्षित सीट गया से हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी चुनाव लड़ रहे हैं।

भाषा अनवर संतोष शफीक

शफीक

 

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