भाजपा के घोषणा पत्र में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी हटाने का कोई जिक्र नहीं : तेजस्वी |

भाजपा के घोषणा पत्र में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी हटाने का कोई जिक्र नहीं : तेजस्वी

भाजपा के घोषणा पत्र में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी हटाने का कोई जिक्र नहीं : तेजस्वी

:   Modified Date:  April 14, 2024 / 08:03 PM IST, Published Date : April 14, 2024/8:03 pm IST

पटना, 14 अप्रैल (भाषा) राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने रविवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घोषणा पत्र में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी को हटाने या कम करने का कोई जिक्र नहीं है।

यादव ने पटना में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए दावा किया, ‘‘भाजपा के घोषणा पत्र में कहीं भी नौकरी, रोजगार, महंगाई और गरीबी को हटाने अथवा कम करने का कोई जिक्र नहीं है।’’

उन्होंने दावा किया कि भाजपा के घोषणा पत्र में देश के 60 फीसदी युवाओं, 80 प्रतिशत किसानों और देश के लगभग छह लाख 40 हजार से अधिक गांवों के लिए कुछ भी नहीं है।

यादव ने कहा कि बिहार सहित देश के पिछड़े और गरीब राज्यों के विकास एवं उत्थान के लिए भी भाजपा के घोषणा पत्र में कुछ नहीं है।

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों से लोकसभा के सबसे अधिक सांसद आते हैं, उन राज्यों के विकास के लिये भी घोषणा पत्र में कुछ नहीं है।

राजद नेता ने आरोप लगाया कि वे (भाजपा नेता) अपने घोषणा पत्र में नौकरी, रोजगार, युवा, किसान, जवान और गांव को पूर्णतः भूल गए हैं।

बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भाजपा का घोषणापत्र खोखले वादों से भरा है, जिसे ‘‘जुमला पत्र’’ कहा जाना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि देश के ज्वलंत मुद्दे चाहे वह किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देना, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना, युवाओं को स्थायी नौकरियां और सम्मानजनक वेतन, महिलाओं को समान अधिकार दिए जाने अथवा जाति जनगणना और आरक्षण का दायरा बढाए जाने की मांग का कहीं कोई जिक्र नहीं है।

भट्टाचार्य ने कहा घोषणापत्र में 2022 के उनके सभी झूठे वादे दोगुनी कृषि आय, सभी के लिए आवास, पीने के पानी और शौचालयों का प्रबंध, सौ स्मार्ट शहर या दस विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय का भी उल्लेख नहीं किया गया है।

उन्होंने कहा कि यह जनता के साथ किए गए विश्वासघात और उनकी विफलताओं को दर्शाता है।

भाषा अनवर जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)