कोई बगावत नहीं, लेकिन ‘‘दोस्ताना लड़ाई’’ हो सकती है: पप्पू यादव |

कोई बगावत नहीं, लेकिन ‘‘दोस्ताना लड़ाई’’ हो सकती है: पप्पू यादव

कोई बगावत नहीं, लेकिन ‘‘दोस्ताना लड़ाई’’ हो सकती है: पप्पू यादव

:   Modified Date:  March 29, 2024 / 08:19 PM IST, Published Date : March 29, 2024/8:19 pm IST

पटना, 29 मार्च (भाषा) बिहार के पूर्णिया से लोकसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद में कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने इस सीट के सहयोगी पार्टी राजद के पास चले जाने के बाद शुक्रवार को बागी उम्मीदवार के रूप लड़ने की संभावना से इनकार किया।

कांग्रेस से पप्पू यादव की पत्नी रंजीत रंजन राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने पार्टी के प्रति अपनी पूर्ण निष्ठा व्यक्त करते हुए ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों के बीच कई निर्वाचन क्षेत्रों में ‘‘दोस्ताना लड़ाई’’ होने के संकेत दिए।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं राहुल गांधी को देश का प्रधानमंत्री बनाने और बिहार में कांग्रेस को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’’

पूर्व सांसद ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया था और दावा किया था कि राहुल गांधी तथा प्रियंका गांधी ने उन्हें पूर्णिया से टिकट देने का आश्वासन दिया था।

यह पूछे जाने पर कि क्या वह निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ेंगे, उन्होंने ‘न’ में जवाब दिया।

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अपने हाथों में कांग्रेस का झंडा पकड़ रखा है, इसे अपनी आखिरी सांस तक जाने नहीं दूंगा। मैं पूर्णिया में कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करूंगा और 26 अप्रैल को जब मतदान होगा तो इसका असर सबके सामने होगा।’’

पप्पू यादव ने यह भी कहा, ‘‘इंडिया गठबंधन के सभी घटक दल एक समान उद्देश्य के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। कई स्थानों पर वे एक-दूसरे से लड़ते दिख सकते हैं। वायनाड (केरल) में राहुल गांधी को डी राजा की पत्नी एवं भाकपा उम्मीदवार एनी राजा ने चुनौती दी है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पूर्णिया की लड़ाई में मेरी भूमिका क्या होगी, इसे परिभाषित करने का काम मैं पूरी तरह से अपने नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तथा एआईसीसी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे पर छोड़ता हूं।’’

पप्पू यादव पिछली बार 2014 के लोकसभा चुनाव में विजयी हुए थे। उस समय वह राजद के टिकट पर मधेपुरा से जीते थे। उन्होंने 1990 के दशक में तीन बार (दो बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में) पूर्णिया का प्रतिनिधित्व किया।

पिछले सप्ताह राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा पूर्णिया से जदयू से पाला बदलकर आईं बीमा भारती को पार्टी का टिकट दिए जाने के बाद ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि पप्पू यादव को मधेपुरा या सुपौल से किस्मत आजमाने के लिए कहा जा सकता है।

हालाँकि ये तीनों सीट अब राजद के खाते में आ गई हैं।

पप्पू यादव को खुद को बाहुबली कहलाना पसंद नहीं है। वह उत्तर पूर्वी बिहार के सीमांचल क्षेत्र के कई जिलों में लोकप्रिय माने जाते हैं।

भाषा अनवर नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

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