Pendra News: गर्मी शुरू होने से पहले ही होने लगी पानी की किल्लत, आजादी के इतने सालों बाद आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव से जूझ रहे ग्रामीण |

Pendra News: गर्मी शुरू होने से पहले ही होने लगी पानी की किल्लत, आजादी के इतने सालों बाद आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव से जूझ रहे ग्रामीण

Pendra News: गर्मी शुरू होने से पहले ही होने लगी पानी की किल्लत, आजादी के इतने सालों बाद आज भी मूलभूत सुविधा के अभाव से जूझ रहे ग्रामीण

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Reported By: Sharad Agrawal

Modified Date:  March 15, 2024 / 02:36 PM IST, Published Date : March 15, 2024/2:21 pm IST

पेंड्रा।Pendra News: आजादी के बाद राज्य में कितना विकास हुआ यह उतना उल्लेखनीय नहीं है, जितना कि अलग राज्य गठन के बाद हुए विकास का। आजादी के बाद से ही मध्यप्रदेश से अलग होकर बने छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा मरवाही क्षेत्र के विकास को लेकर उदासीनता के आरोप लगते रहे हैं, चाहे सरकार किसी की भी रही हो। सभी ने इस क्षेत्र को विकास से कोसों दूर रखा और वन सम्पदाओं का दोहन किया। मध्यप्रदेश से अलग होकर बने छत्तीसगढ़ राज्य का पहला आदिवासी मुख्यमंत्री भी इसी मरवाही क्षेत्र से हुए इसके बावजूद आज भी यहां के आम आदिवासियों की स्थिति यथावत है। छत्तीसगढ़ के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की जनाकांक्षी योजनाओं की घोषणाएं आज केवल कागजी घोषणाएं साबित हो रही हैं। जंगल पहाड़ों की तलहटी में बसे गांवों की स्थिति बद से बदतर तो हैं। जिला मुख्यालय व प्रखंड मुख्यालय से सटे गांवों की स्थिति भी कुछ बेहतर नहीं है।

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आज हम छत्तीसगढ़ के जिस क्षेत्र की तस्वीर आपको दिखा रहे हैं। वह गांव छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जिले गौरेला पेंड्रा मरवाही के मरवाही विकासखंड के गांव कटरा के धनुहारी टोला का है। जहां आजादी के बाद और छत्तीसगढ़ अलग राज्य बनने के बाद भी आज इस गांव में पीने के पानी की इतनी किल्लत है कि यहां के लोग महिलाएं, पुरुष और बच्चें पानी के लिए कई किलोमीटर दूर जंगल में नदी से पानी ढोने का काम करते हैं। यह हाल हर मौसम में रहता है। नदी के किनारे रेत के हिस्से में एक छोटा सा गड्ढा बनाया जाता है जिसे ठोड़ी कहते हैं।

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गड्ढे से निकाले हैं पानी

ग्रामीण पीने के पानी के लिए एक किलोमीटर की दूरी तय कर ऊंची-नीची पगडंडियों को पार करते हुए एक बहते हुए नाले के पास पहुंचना होता है।  जहां नदी के किनारे रेत के बीच एक गड्ढा बनाया जाता है जिससे गांव की महिलाएं, पुरुष और बच्चे बारी-बारी से एक-एक कर पीने का पानी निकालते हैं और साथ लाए बर्तन में भरते हैं। ज्यादातर इस काम को महिलाएं करती हैं। चूंकि यह पूरा इलाका घने जंगलों के बीच बसा है यहां जंगली जानवरों का भी खतरा बना रहता है उसके बावजूद पानी की आपूर्ति के लिए ये ग्रामीण जान जोखिम में डालकर हर मौसम में इसी तरह नाले का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं।

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Pendra News: नाले का गंदा पानी पीने के कारण स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। दूरस्थ इलाका होने के चलते कटरा गांव के इस धनुहारी टोला की सबसे बड़ी समस्या पानी की है। पानी के इस किल्लत के निराकरण के लिए आजतक न तो प्रशासनिक और न ही पंचायत स्तर से कोई पहल हुई है। प्रशासन के लाख दावों के बावजूद भी मरवाही के इस कटरा गांव के धनुहारि टोला के इन ग्रामीणों की स्थिति वहीं की वहीं यथावत है।

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